300 साल पुराना पाठ्यक्रम पढ़ रहे



 
लखनऊ। दारुल उलूम फरंगी महल में मौलाना निजामुद्दीन फरंगी महली की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गई। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मौलाना निजामुद्दीन के शैक्षिक योग्यदान, इस्लामी दुनिया में उनकी अहमियत पर चर्चा की। कहा कि आज से 300 साल पहले उन्होंने मदरसों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया था। दर्से निजामी के नाम से मशहूर यह पाठ्यक्रम हिन्दुस्तान और दुनिया के तमाम मदरसों में पढ़ाया जाता है। मौलाना निजामुद्दीन ने हिन्दुस्तान का मदरसा फरंगी महल में शुरू किया।