21वीं शताब्दी कौशलों से अभिप्राय ऐसी दक्षताओं से है जो वर्तमान समय के प्रत्येक विद्यार्थी में होनी चाहिए जिससे वे अपने समय एवं परिवेश से बेहतर समायोजन स्थापित कर सकें और जीवन में सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकें। कुछ प्रमुख 21वीं शताब्दी कौशलों में संवाद स्थापित करने का कौशल, तर्कपूर्ण चिन्तन, रचनात्मकता, नेतृत्व करना, पहल करना, सहयोगपूर्ण व्यवहार, टीमवर्क आदि हैं।
प्रयागराज प्रमुख संवाददाता। यूपी बोर्ड से संबद्ध 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राएं 21वीं शताब्दी के कौशलों से लैस होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुपालन में यूपी बोर्ड की ओर से जल्द ही प्रदेशस्तरीय कार्यशाला आयोजित कर 21वीं शताब्दी कौशलों का चिह्नीकरण करते हुए उन पर आधारित गतिविधियों का निर्धारण किया जाएगा।
निर्धारित गतिविधियों को सत्र 2023-24 के एकेडमिक कैलेंडर में शामिल करेंगे जिससे सभी विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को वर्तमान परिस्थितियों की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए जिम्मेदार एवं सफल नागरिक बनाने के उद्देश्य से कौशल विकास की रूपरेखा तैयार की