मऊ। यूपी बोर्ड से संबद्ध जिले के तीन वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता निरस्त कर दी गई है। जबकि 11 की मान्यता पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दागी स्कूलों को परीक्षा केंद्र भी नहीं बनाया जाएगा। मान्यता निरस्त होने के बाद नए शिक्षा सत्र से इनको बंद कर दिया जाएगा।
जिले में यूपी बोर्ड से संबद्ध 517 माध्यमिक विद्यालय हैं। जिले में कई मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधकों ने तथ्यों को छिपाकर मान्यता ले ली है। जांच पड़ताल में धोखाधड़ी से दूसरे की जमीन के नाम विद्यालय संचालित होने के मामले में चौधरी चरण सिंह राम नगीना स्वधीन बालिका उमा विद्यालय रामपुर बेलौली, जितेंद्र सिंह चौहान शिक्षण संस्थान इटौरा तथा किसान इंटर कालेज मीरपुर रहीमाबाद की बोर्ड ने मान्यता निरस्त कर दी है।
वहीं डिबार जमीन न होने, इसी तरह से श्रीमती उर्मिला देवी मान्यता लेने में धोखाधड़ी सहित तमाम आरोपों के मामले में हरिवंश मेमोरियल इंटर कालेज पाँति रोड मधुबन, बाबा सरजू दास इंटर कालेज करजीली, रामधनी शिक्षण संस्थान इंटर कालेज पलिगढ़, श्रीमती इंदिरा गांधी इंटर कालेज पदमीडांड़, गुरु जगदीश सिंह बैजनाथ पहलवान इंटर कालेज सरवा भी कार्रवाई को सूची में है।
शिक्षा निकेतन प्रशिक्षण संस्थान उमा विद्यालय बगली पिजड़ा, महात्मा बुद्ध समाज इंटर कालेज भीटी मौलाना अब्दुल कलाम हाईस्कूल सलेमपुर रामपुर, बाबा जगदेव सिंह इंटर कालेज पकड़ीताल ओजीपुर सहित 11 मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के खिलाफ बोर्ड में जांच पड़ताल चल रही है।
अब इन माध्यमिक विद्यालयों को बोर्ड परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। उधर बोर्ड की कार्रवाई की जद में आए माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को भविष्य को चिंता सताने लगी है। नए शिक्षा सत्र से मान्यता निरस्त होने वाले माध्यमिक विद्यालयों को बंद करा दिया जाएगा। साथ ही विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को आसपास के माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन करा दिया जाएगा।