नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप स्कूली शिक्षा को मजबूती देने के लिए देश भर में प्रस्तावित पीएम श्री ( पीएम स्कूल फार राइजिंग इंडिया) स्कूलों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। यह ऐसे सरकारी स्कूल होंगे, जो न सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर मजबूती से खड़े दिखेंगे बल्कि शैक्षणिक स्तर पर भी इनकी ऊंचाई देखने को मिलेगी।
शिक्षा मंत्रालय ने इसके लिए कई नया है। अहम योजनाएं बनाई है। इनमें से ही एक अहम योजना इनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देना है। जो स्कूलों के चयन के साथ ही देश भर में शुरू हो जाएगी। यह प्रशिक्षण करीब तीन महीने का होगा।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक प्रस्तावित पीएम- श्री स्कूलों में जिस तरह से एनईपी की सभी सिफारिशों को लागू किया जाएगा, उसके लिए शिक्षकों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। खासकर स्कूली शिक्षा में जिस तरह से बच्चों को खेल और खिलौने के जरिए पढ़ाने की तैयारी है, वह सरकारी स्कूलों के लिए बिल्कुल
इसके साथ ही बच्चों को स्थानीय भाषा में पढ़ाने, कौशल विकास, टिंकरिंग लैब और इनोवेशन लैब जैसी पहलों को अमल में लाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना जरूरी है। स्कीम से जुड़े मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की मानें तो इसके लिए एनसीटीई और राज्यों के साथ मिलकर विशेष प्रशिक्षण कोर्स तैयार किया जा रहा है। हालांकि प्रशिक्षण का काम स्कूलों के चयन के बाद ही शुरू होगा ।
गौरतलब है कि देश भर पीएम- श्री स्कीम के तहत करीब 14500 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा। जिसके तहत प्रत्येक ब्लाक में दो पीएम श्री स्कूल बनेंगे। इनमें एक प्राइमरी और एक मिडिल स्कूल होगा। इसके तहत प्रत्येक स्कूल को मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने लिए दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इस स्कीम की अहम शर्त यह है कि इनमें उन्हीं राज्यों के स्कूलों को शामिल किया जाएगा, जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू लगने का भरोसा देंगे। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय सभी राज्यों के साथ एक एमओयू भी कर रहा है।