प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा है कि वह कोर्ट को बताए कि जो कर्मचारी कोविड- 19 की ड्यूटी में लगा रहा हो और बाद में उसका तबादला होने के बाद मौत हो जाती है तो वह सरकार की ओर से जारी मुआवजा पाने के शासनादेश का लाभ पाने का हकदार है कि नहीं।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 30 नवंबर 2022 की तिथि यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा तथा जस्टिस चंद्र कुमार राय की खंडपीठ ने मृतक की पत्नी तारा तिवारी तथा दो अन्य की तरफ से दाखिल याचिका पर पारित किया है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता आलोक कुमार यादव का कहना था कि किसी भी कर्मचारी को केवल इस आधार पर 22 जून 2021 के शासनादेश के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता कि कर्मचारी की मौत के समय वह कोविड- 19 से हटाकर अलग ड्यूटी पर लगाया गया था।
याचिका के अनुसार मृतक रमेश चंद्र तिवारी की पत्नी तारा तिवारी ने कोविड- 19 में हुई पति की मौत के बाद लाभ पाने के लिए याचिका दाखिल की है। ब्यूरो