स्कूलों की सुविधाओं का आकलन अब एप से होगा


माध्यमिक स्तर के स्कूलों यानी राजकीय इंटर कॉलेजों के विद्यार्थियों को अब जर्जर बिल्डिंग में नहीं बैठना पड़ेगा। खेलकूद समेत मूलभूत सुविधाएं स्कूलों में मुहैया करवाई जाएंगी। यहां उपलब्ध सुविधाओं का ब्यौरा जियो टैग आधारित एप के माध्यम से जुटाया जाएगा।

थर्ड पार्टी सर्वे होगा महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए कि सुविधाओं के आकलन और गैप एनालिसिस के लिए जियो टैगिंग पर आधारित एप के माध्यम से जुटाया जाएगा। यह थर्ड पार्टी सर्वे होगा ताकि सही स्थिति का पता चल सके। यह एंड्रायड आधारित एप के माध्यम से किया जाएगा। वहीं अगले सत्र के लिए 500 करोड़ रुपये के बजट की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस वर्ष प्रोजेक्ट अलंकार के तहत 325 करोड़ रुपये का बजट है लेकिन अभी तक इस प्रोजेक्ट का एक भी पैसा जारी नहीं किया जा सका है।





शौचालय, चहारदीवारी और रंगाई का होगा काम

प्रोजेक्ट के तहत राजकीय विद्यालयों में जर्जर भवन, पेयजल, शौचालय, चहारदीवारी, फर्नीचर व रंगाई-पुताई आदि काम कराए जाएंगे और मरम्मत के काम भी कराए जाने हैं। स्कूलों के हालत पूरी तरह बदलेंगे। प्राइमरी स्कूलों में चल रहे ऑपरेशन कायाकल्प की तरह दूसरों विभागों के साथ कन्वर्जेंस के आधार पर भी काम करवाने पर विचार चल रहा है।