राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कृत माध्यमिक शिक्षक पुरस्कार के रूप में मिली वेतनवृद्धि के लिए ठोकरें खा रहे हैं। कोई तीन साल से शिक्षा निदेशालय के चक्कर काट रहा है तो किसी ने वेतनवृद्धि के लिए उम्मीद ही छोड़ दी है। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए अभिनव विद्यालय दांदूपुर के प्रधानाचार्य डॉ. आरडी शुक्ला और मेरी वानामेकर गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या शुभा वाशिंगटन को 2018 का राज्य अध्यापक पुरस्कार पांच सितंबर 2019 को लखनऊ में दिया गया था।
भव्य समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर से चयनित शिक्षकों के साथ ही प्रयागराज के दोनों शिक्षकों को पुरस्कृत किया था। इन विशिष्ट शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप दो-दो साल का सेवा विस्तार और अन्य सुविधाओं के साथ मूल वेतन की तीन प्रतिशत वेतनवृद्धि मंजूर की गई थी। डॉ. आरडी शुक्ला पिछले तीन साल से अधिक समय से शिक्षा निदेशालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक वेतनवृद्धि नहीं मिल सकी है। वहीं शुभा वाशिंगटन ने शुरुआत में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया। कई बार चक्कर काटने के बावजूद बाबुओं के आनाकानी करने और फाइल आगे नहीं बढ़ने पर उन्होंने वेतनवृद्धि की उम्मीद छोड़कर पैरवी करना ही बंद कर दिया।
बेसिक की पुरस्कृत शिक्षिका को मिल गई वेतनवृद्धि बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक इस मामले में खुशनसीब हैं। पांच सितंबर 2020 को वर्ष 2019 के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार पाने वाली परिषदीय स्कूल की शिक्षिका नीलिमा श्रीवास्तव को जनवरी 2022 में वेतनवृद्धि मिल गई। उनके वेतनवृद्धि की मंजूरी बीएसए के स्तर से होती है इसलिए कोई खास परेशानी नहीं हुई।
मामूली काम के लिए घूस लेते पकड़े जा चुके हैं बाबू
शिक्षा निदेशालय और जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय कार्यालय के बाबू पिछले सवा साल के दौरान शिक्षकों के मामूली काम करने के लिए घूस लेते पकड़े जा चुके हैं। डीआईओएस टू कार्यालय के वरिष्ठ सहायक रामकृष्ण श्रीवास्तव को विजिलेंस की टीम ने शिक्षिका की पदोन्नति की फाइल आगे बढ़ाने के लिए 26 सितंबर को दस हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था। वहीं पिछले साल सितंबर में ही शिक्षा निदेशालय के प्रधान सहायक अनिल कुमार को एक शिक्षक से बकाया भुगतान के लिए 30 हजार रुपये घूस लेते हुए विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया था।