बहराइच परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग डेढ़ लाख छात्र-छात्राओं को अब तक डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) योजना का लाभ नहीं मिल सका है। इसका प्रमुख कारण आधार न बनना है। कई मामलों में आधार की गड़बड़ियां भी वजह है।
योजना के द्वितीय चरण की शुरुआत जल्द ही होने वाली है। अभिभावकों ने बच्चों का आधार नहीं बनवाया तो डीबीटी के लाभ से वंचित रह सकते बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जिले में 2803 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व संविलियन विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इनमें अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या वर्तमान शैक्षणिक सत्र में छह लाख से अधिक है। डीबीटी योजना के तहत नौनिहालों को यूनिफॉर्म, स्कूल बैग
जूते-मोजे व अन्य सामान की खरीद के लिए शासन की ओर से 1200 रुपये भेजे जा रहे हैं। प्रथम चरण में अधिकांश अभिभावकों के खाते में डीबीटी की धनराशि आ गई है। दूसरे चरण में छूटे बच्चों को लाभ दिया जाएगा। डेढ़ लाख उन नौनिहाल के लिए मौका है जिन्हें अब तक लाभ नहीं मिला है।
हालांकि, आधार कार्ड न बन पाने की स्थिति में इन्हें लाभ नहीं मिल पाएगा। आधार कार्ड न बन पाने के पीछे अभिभावकों की उदासीनता की वजह माना जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ आधार केंद्र की कम संख्या भी इसकी वजह मानी जा रही है। दरअसल, जिले में सिर्फ 26 आधार केंद्र है। ऐसे में जो अभिभावक जागरूक है उन्हें भी कई दिन चक्कर लगाना पड़ रहा है।