राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी कहते हैं कि इस फैसले से आम कर्मचारी को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इस समय मुख्यमंत्री से अनुमोदन की बाध्यता खत्म करने का कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि तबादले करने की अवधि पहले ही खत्म हो चुकी है। अब गड़बड़ तबादले भले ही दुरुस्त हो जाएं, बाकी तो इस आदेश का लाभ मंत्रियों व विभागाध्यक्षों के खास लोगों को ही मिल सकेगा। मंत्री जिसका चाहेंगे उसका तबादला कोई न कोई कारण दिखाकर कर देंगे। आम कर्मचारी को इसका लाभ नहीं मिलेगा।