रेणुका को वीआरएस मिला गोठलवाल का फंसा पेच


यूपी कॉडर में 526 आईएएस

उत्तर प्रदेश कॉडर में अब 526 आईएएस हैं। इसमें अभी 19 आईएएस और बढ़ेंगे। पीसीएस से आईएएस के पद पर पदोन्नत होने वालों का आदेश जल्द जारी होने वाला है। केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। वहीं अगले साल यानी वर्ष 2023 में करीब एक दर्जन आईएएस अफसर सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसमें कई बड़े आईएएस अफसर हैं।

दिसंबर में पदोन्नति

साल के अंत यारी दिसंबर में आईएएस अफसरों को पदोन्नति देने के लिए डीपीसी होगी। इसमें प्रमुख सचिव से अपर मुख्य सचिव, सचिव से प्रमुख सचिव और विशेष सचिव से सचिव के पद पर पदोन्नतियां दी जाएंगी। इसमें सबसे अधिक विशेष सचिव से सचिव स्तर पर अफसरों को पदोन्नति दी जाएगी।

लखनऊ, विशेष संवाददाता। राज्य सरकार ने वर्ष 1987 बैच की आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद नियुक्ति विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। वहीं, वर्ष 2003 बैच के आईएएस अधिकारी विकास गोठलवाल का वीआरएस फंसता हुआ नजर आ रहा है।

वर्ष 1987 बैच की आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार योगी सरकार-एक में उत्तर प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। राजस्व और बेसिक शिक्षा विभाग में उनके द्वारा बेहतर काम किया गया। उन्हें मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र अफसरों में माना जाता रहा। वह केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर केंद्र सरकार चली गई थीं। अचानक उन्हें कार्यमुक्त करते हुए यूपी वापस भेज दिया गया। उन्होंने यूपी में ज्वाइंनिंग न देकर वीआरएस मांग लिया। वह वर्ष 2023 में सेवानिवृत्त होने वाली थीं। इससे पहले वरिष्ठ आईएएस अफसर जूथिक पाटणकर का वीआरएस मंजूर हो चुका है।

वर्ष 2003 बैच के आईएएस अफसर विकास गोठलवाल भी वीआरएस मांग चुके हैं। वह 13 सितंबर 2021 से 1 सितंबर 2022 तक शैक्षिक अवकाश पर गए थे। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उन्हें हुए वेतन भुगतान को लेकर पेंच फंस गया है। इसके चलते अभी तक उनका वीआरएस मंजूर नहीं हुआ है। इसको लेकर पत्राचार हो रहा है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर स्थिति साफ होने के बाद ही उनका वीआरएस मंजूर हो गया, ये भी हो सकता है कि वे इसे वापस ले लें।


वहीं पहले इस्तीफा और फिर वीआरएस मांगने वाले आईएएस अधिकारी विद्या भूषण का इस्तीफा जल्द मंजूर हो सकता है। नियुक्ति विभाग ने मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया है। वहां से अनुमति मिलने के बाद इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा।