बेसिक शिक्षा के मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता की होगी जांच

 प्रयागराज जिले में मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों में नियुक्त सभी शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता की जांच के लिए बीएसए विशेष अभियान चलाएंगे। विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि जो भी शिक्षक अध्यापन कार्य विद्यालय में करें, उनकी शैक्षिक योग्यता मान के अनुरूप हो।

शिक्षा निदेशक बेसिक ने बीएसए को भेजा पत्र : शिक्षा निदेशक बेसिक ने सभी बीएसए को पत्र जारी कर कहा है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। उसमें कहा है कि प्रदेश में सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के संचालन के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972 का पालन किया जाता है। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल (अध्यापकों की भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियमावली 1975, उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल (जूनियर हाई स्कूल ) नियमावली 1978 के तहत शिक्षकों की अर्हताएं तय हैं। उसी के अनुरूप चयन प्रक्रिया व सेवा की शर्तों को लागू किया जाता है।




गली-मोहल्लों में खुले निजी स्कूलों में निर्धारित अर्हताधारी शिक्षक नहीं हैं : दूसरी तरफ वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में बिना किसी निर्धारित चयन प्रक्रिया के शिक्षकों को नियुक्त कर लिया जाता है। कई बार बिना किसी प्रक्रिया के उन्हें संस्थान से हटा भी दिया जाता है। तमाम गली-मोहल्लों में खुले निजी स्कूलों में निर्धारित अर्हताधारी शिक्षक नहीं हैं। यह भी उल्लेख किया गया है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों के अतिरिक्त निजी प्रबंधतंत्रों द्वारा मान्यता प्राप्त प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूल भी संचालित होते हैं। इन विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्तियां उप्र मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल (अध्यापकों की भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियमावली 1975 एवं उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल (जूनियर हाई स्कूल ) नियमावली 1978 के प्रावधानों के तहत की जाती है।


सभी बीएसए को निर्देशित किया गया है : इसमें स्पष्ट रूप से व्यवस्था है कि इन विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति एवं सेवा के संबंध में कोई कार्रवाई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पूर्वानुमोदन के बिना नहीं की जा सकती। प्रबंध समिति द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव बिना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुमोदन के प्रभावी नहीं हो सकता। इसे देखते हुए सभी बीएसए को निर्देशित किया गया है कि अपने जनपद में यह सुनिश्चित करें कि निजी प्रबंधतंत्र द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति एवं सेवा समाप्ति के संबंध में कोई कार्यवाही नियमावली 1975 एवं नियमावली 1978 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार ही की जाए।


क्‍या कहते हैं प्रयागराज के बीएसए : प्रयागराज के बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि जनपद के सभी स्कूलों की जांच जल्द शुरू की जाएगी। खंड शिक्षाधिकारियों को भी इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। जहां शैक्षिक अर्हता पूरा न करने वाले शिक्षक मिलेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अर्हता रखने वाले शिक्षकों को अनावश्यक रूप से हटाया न जाए। यदि कोई प्रबंधतंत्र इन नियमों की अवहेलना करता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।