कैबिनेट में बड़ा फैसला:इस विभाग के कर्मचारियों को बोनस, जानें 78 दिन के हिसाब से कितने रुपये खाते में आएंगे

रेलवे कर्मचारियों के लिए सरकार ने बोनस का एलान किया है। इसके साथ ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के लिए वन टाइम ग्रांट मंजूर किया गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया भर में रसोई गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की तेल विपणन कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया गया है। पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों का देश के नागिरकों पर बोझ ना पड़े इस के लिए यह फैसला लिया गया है। 


रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस देने का एलान  

कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को को 78 दिनों का बोनस देने का एलान  किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे के 11.27 लाख कर्मचारियों को 1,832 करोड़ रुपये का प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस दिया जाएगा। रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी (Productivity-Linked Bonus) के भुगतान पर करीब 1,832.09 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपये प्रति माह है। सभी पात्र रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के लिए अधिकतम 17,951 रुपये का भुगतान किया जाएगा।


प्रधानमंत्री विकास पहल योजना (PM-DevINE) नाम की नई योजना को मंजूरी

कैबिनेट ने 2022-22 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल (Prime Minister’s Development Initiative for North East Region, PM-DevINE) नाम की नई योजना को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय क्षेत्र योजना है जिसका शत-प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र करेगा। इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डोनर) की ओर से लागू किया जाएगा।



गुजरात में कंटेनर टर्मिनल विकसित करने की परियोजना को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड के तहत गुजरात में टूना-टेकरा, दीनदयाल बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल विकसित करने की परियोजना को मंजूरी दे दी। इस परियोजना के तहत सामान्य उपयोगकर्ता सुविधाओं के विकास के लिए 4,243.64 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का वहन रियायतग्राही की ओर से जबकि 296.20 करोड़ रुपये की लागत का वहन रियायत प्राधिकारी की ओर से की जाएगी।