प्रदेश के बच्चों की लर्निंग को स्मार्ट बनाने के लिए सरकारी स्कूलों में उन्हें स्मार्ट क्लासेज के जरिए शिक्षा प्रदान की जा रही है। डिजिटल कंटेंट के जरिए इस शैक्षिक सत्र के अंत तक प्रदेश में 18 हजार से अधिक स्मार्ट क्लास रूम बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी ने बताया कि विभाग बच्चों के साथ ही शिक्षकों को भी डिजिटल लर्निंग के लिए तैयार कर रहा है, ताकि वे ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी शिक्षा गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए बच्चों की पढ़ाई के स्तर को बनाए रख सकें। इसके लिए निपुण भारत अभियान के तहत प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों के बच्चों के लिए दीक्षा एप समेत कई अन्य माध्यमों को तैयार किया गया है।
शिक्षकों को भी दिया जा रहा प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के लिए दो टैबलेट दिए जा रहे हैं। निपुण भारत मिशन के तहत इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि बच्चों से पहले शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा के प्रति जागरूक हों ताकि वो बच्चों तक इस माध्यम के जरिए विभिन्न तरह की शैक्षिक गतिविधियों को पहुंचा सकें। डिजिटल लर्निंग के स्तर को आंकने के लिए इसकी तीन स्तरों पर निगरानी भी की जा रही है। पहली स्पॉट पर जाकर, दूसरी तिमाही समीक्षा के जरिए और तीसरी थर्ड पार्टी के जरिए।
उपलब्ध कराया जा रहा वीडियो कंटेंट
क्लासरूम में डिजिटल लर्निंग के लिए प्रदेश में बीते छह माह में काफी काम किया गया है। इस दौरान दीक्षा एप के माध्यम से टेक्स्ट बुक और टीचिंग मैनुअल उपलब्ध कराए गए हैं। सिर्फ छह माह में ही इसके जरिए 6500 से ज्यादा वीडियो कंटेंट के जरिए बच्चों को क्लासरूम में पढ़ाया गया है। वहीं, दीक्षा एप को टीचर ट्रेनिंग टूल के लिए बड़े पैमाने पर स्वीकार कर लिया गया है। इसके तहत 100 प्रतिशत शिक्षकों को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा चुका है। बच्चों के लिए रीड एलॉन्ग एप भी शुरू किया गया है।