मऊ। शिक्षा सत्र का छठवां माह बीतने को है, लेकिन नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में मानक के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी है। नगर के 16 परिषदीय विद्यालय में शिक्षा एकल शिक्षक के भरोसे दी जा रही है। जबकि अभिभावक बच्चों के भविष्य की लेकर चिंतित हैं।
नगर क्षेत्र में 18 प्राथमिक, चार उच्च प्राथमिक तथा 16 कंपोजिट स्कूल हैं। सर्व शिक्षा पर करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाने के बाद भी योजना का लाभ बच्चों को मिलता नजर नहीं आ रहा है। नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों का पद रिक्त चल रहा है। शिक्षा सत्र का आधा समय बीत गया, लेकिन मानक के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती नही हो सकी है बच्चो को गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं मिल पा रही है आरटीई के तहत प्राइमरी में 30 बच्चों पर एक तथा उच्च प्रथमरी में 35 बच्चों पर एक शिक्षक संहित सभी विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती अनिवार्य की गई है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सभी विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018-19 में नगर के परिषदीय विद्यालयों में 3725 बच्चों का नामांकन किया गया था। जबकि 2019-20 में 3525 बच्चों का नामांकन रहा। 2020-21 में 3562 और 2021-22 में 3039 बच्चों नामांकित हुए। जबकि वर्तमान शिक्षा सत्र में 5266 बच्चों का नामांकन किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार नगरीय परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की एक दशक से नियुक्ति प्रक्रिया बंद है जिसकी वजह से शिक्षकों की संख्या में प्रतिवर्ष कमी होती जा रही है। यदि भर्ती की जाए तो बच्चों की शिक्षा में उत्तरोत्तर विकास होता रहे। उधर, अभिभावक शिक्षकों की कमी को देखते हुए अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।