जिले के स्कूलों में सांसद और विधायक निधि में भी घोटाला किया जा रहा है। कक्षा-कक्ष, बरामदे बनवाने के लिए 101 विद्यालयों ने पिछले वित्तीय वर्षों में सांसद और विधायक निधि से एक करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि आवंटित कराई। पहली किस्त ले ली पर दूसरी किस्त के लिए आवेदन नहीं किया। दूसरी किस्त का आवेदन करने के लिए पहली किस्त से कराए गए काम का ब्योरा देना पड़ता है। अब पीडी डीआरडीए की ओर से इन विद्यालयों के संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि अगर दूसरी किस्त के लिए आवेदन नहीं किया तो दी गई राशि रिकवर कराई जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2020-21 तक अलग-अलग वर्षों में कुल 101 विद्यालयों ने सांसद और विधायक निधि से अपने यहां निर्माण कराने के लिए बजट मांगा। नियमानुसार पहली किस्त से काम होने के बाद दूसरी किस्त जारी की जाती है। इसके लिए पहली किस्त का उपभोग प्रमाण पत्र देना पड़ता है। विद्यालयों ने पहली किस्त डकार ली, लंबे समय बाद भी दूसरी किस्त के लिए आवेदन न करना इसका स्पष्ट प्रमाण है। पीडी डीआरडीए अशोक कुमार मौर्य ने विद्यालयों को नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर दूसरी किस्त जारी कराने के लिए आवेदन करने को कहा है। ऐसा न होने पर धनराशि वापस ली जाएगी।
विधायक निधि से मिलती है 60 फीसदी राशि
विधायक निधि से वित्तीय वर्ष 2017-18 में एक, 2018-19 में 26, 2019-20 में 26 और 2020-21 में 29 विद्यालयों ने पहली किस्त जारी कराई थी। कुल बजट का 60 फीसदी हिस्सा विधायक निधि से दिया जाता है।
कसा शिकंजा
● पहली किस्त का पैसा लेने के बाद दूसरी का न मांगने पर शक के घेरे में स्कूल संचालक आए।
● पीडी डीआरडीए ने संबधित स्कूलों को दस दिन का दिया समय।
● पूर्व में सात विद्यालयों से वसूली का आदेश हुआ था, जिस पर इन्हें एक मौका और दिया गया।
बजट का 75 फीसदी सांसद निधि से दिया
सांसद निधि से वित्तीय वर्ष 2018-19 में दो, 2019-20 में एक व वित्तीय वर्ष 2020-21 में छह विद्यालयों ने बजट आवंटित कराया था। इसमें कुल बजट का 75 फीसदी बजट सांसद निधि से दिया गया है।