देवरिया,
रामधारी इंटर कालेज पगरा में विगत दिनों एमडीएम में सूखा चावल बच्चों को खिलाने की खबर वायरल होने के मामले की जांच में बीएसए ने प्रधानाचार्य को दोषी पाया है। इस मामले में कालेज के एक प्रवक्ता भी भूमिका वीडियो वायरल करने में पाई गई है। दोनो के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति बीएसए हरिश्चंद्र नाथ ने मुख्य विकास अधिकारी से की है। सीडीओ से जिला विद्यालय निरीक्षक को कार्रवाई के लिए निर्देशित करने का अनुरोध किया है। बीएसए के इस एक्शन से माध्यमिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
मामले में बीईओ की जांच में पता चला कि एडीएम में दाल बना था, पर बच्चों को दुबारा दाल नहीं मिली। दाल कम पड़ गई थी। एमडीएम के समय प्रधानाचार्य डॉ. सत्येंद्र प्रसाद विद्यालय में न होकर बैंक के कार्य से कालेज से बाहर गए थे। इस मामले का वीडियो कालेज के हिन्दी प्रवक्ता द्वारा बनाने की बात सामने आई। बीईओ ने प्रधानाचार्य को कर्त्तव्य पालन में लापरवाह बताया। दूसरी तरफ दो सितंबर को जिला समन्वयक एमडीएम दुर्गेश प्रताप सिंह ने भी विद्यालय में पहुंचकर मामले की जांच किया। इस दौरान कक्षा छ: के अजीत व कक्षा सात के कृष्णा शर्मा ने बताया कि दाल बनी थी, पर दुबारा लेने गए तो घट गई।
दो सितंबर को एमडीएम में बनी तहरी में मानक से कम चावल का प्रयोग किया था। सब्जी में केवल आलू बना, सोयाबीन, प्याज व टमाटर नहीं मिलाया गया। रसोईयों के लिए एप्रेन, ग्लब्स व हेड कवर नहीं खरीदा गया था। एडीएम का रजिस्टर कालेज की जगह प्रधानाचार्य अपने घर पर रखे थे। प्रधानाचार्य ने 87 दिनों की एमडीएम प्रतिपूर्ति का वितरण भी नहीं किया। इस रिपोर्ट के आधार पर बीएसए हरिश्चंद्र नाथ ने मामले में प्रधानाचार्य व हिन्दी प्रवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति की है। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित करने का अनुरोध सीडीओ से किया है।