केंद्र सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को तीन महीनों के लिए और बढ़ा दिया है। अब यह योजना इस साल दिसंबर अंत तक जारी रहेगी। सरकार का कहना है कि त्योहारों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, इस फैसले को गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों प्रदेशों में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को तीन माह और बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि अगले तीन माह में लाभार्थियों को 122 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न दिया जाएगा। सरकार ने यह निर्णय त्योहारों को देखते हुए लिया है। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई के सातवें चरण पर 44,762 करोड़ रुपये खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के पहले से छठे चरण तक तीन लाख 45 हजार करोड़ राशि खर्च हुई है। सातवें चरण का खर्च जोड़ने पर इस पर कुल तीन लाख 91 हजार करोड़ का खर्च आएगा। सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में गरीब जरूरतमंद लोगों के लिए अप्रैल 2020 में मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की थी। सरकार ने अप्रैल में छठी बार इस योजना को छह माह यानी सितंबर तक बढ़ाया था।
अन्न योजना के विस्तार से करोड़ों को फायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार के फैसले से करोड़ों लोगों को लाभ मिलेगा और त्योहारों के मौसम में उन्हें मदद सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने नई दिल्ली, अहमदाबाद और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस-मुंबई रेल स्टेशनों के पुनर्विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का बुनियादी ढांचा भविष्योन्मुखी होना चाहिए और यह कदम सरकार के इस दृष्टिकोण को दर्शाता है। मोदी ने कहा, इन स्टेशनों का आधुनिकीकरण होगा और इससे जीवन की सुगमता को बल मिलेगा। इससे पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गरीबों को मुफ्त अनाज देने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि तीन माह यानी दिसंबर, 2022 तक बढ़ा दी।