परिषदीय विद्यालयों के दीवारों पर आन बान शान की प्रतीक महिलाओं के लगाए जाएंगे चित्र ,इन चित्रों के माध्यम से नगर, गांव एवं कस्बे की बेटियों को प्रेरणा मिलेगा
बलरामपुर। परिषदीय विद्यालयों के दीवारों पर आन बान शान की प्रतीक महिलाओं के चित्र लगाए जाएंगे। इन चित्रों में देश के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाएं शामिल होंगी। इनमें मुख्य रूप से वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, भारत की उड़न परी कहे जाने वाली पीटी उषा सावित्रीबाई फुले, चांद बीबी, सुचेता कृपलानी, सुभद्रा कुमारी चौहान, सरोजिनी नायडू, मदर टेरेसा, लता मंगेशकर, साइना नेहवाल, अरुणिमा सिन्हा आदि महिलाओं के संघर्ष गाथा संबंधित चित्र विद्यालयों के दीवारों पर उकेरी जाएंगी। इन चित्रों के माध्यम से नगर, गांव एवं कस्बे की बेटियों को प्रेरणा मिलेगी।
जिले में 1575 प्राथमिक एवं 646 उच्च प्राथमिक के साथ कम्पोजिट विद्यालय संचालित हैं। इन सभी विद्यालयों में राज्य परियोजना निदेशक के निर्देश पर महिला सशक्तिकरण अंतर्गत स्कूलों की दीवारों पर देश की वीरांगनाओं के साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं की तस्वीरें बनाई जाएंगी। साथ ही महिलाओं से जुड़ी गाथाओं को भी तस्वीर के साथ लिखा जाएगा। दीवारों पर रानी लक्ष्मीबाई, सावित्रीबाई फुले, कल्पना चावला आदि वीरांगना महिलाओं की संघर्ष गाथा संबंधित चित्र बनाए जाएंगे। इन चित्रों के माध्यम से स्थानीय, गांव व कस्बे की बालिकाओं को प्रेरणा लेने के लिए शासन ने पहल की है। राज्य परियोजना निदेशक अनामिका सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को मिशन शक्ति के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने का निर्देश दिया है।
निदेशक के अनुसार महिला सशक्तिकरण के तहत तक विशेष अभियान चलाकर परिषदीय विद्यालयों की दीवारों पर महिलाओं से जुड़ी वीर गाथाओं एवं उनके संघर्षों को फोटो के साथ साझा किया जाएगा। भीतर महिला सशक्तिकरण की स्कूलों में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें महिला समूह को आमंत्रित कर लिंग भेद के बारे में जागरूक किया जाएगा। बेटियों को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण ऑनलाइन दिया जाएगा। स्थानीय महिलाओं को विद्यालयों में खुद की सुरक्षा एवं आत्मसम्मान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
निदेशक के अनुसार महिला सशक्तिकरण के तहत तक विशेष अभियान चलाकर परिषदीय विद्यालयों की दीवारों पर महिलाओं से जुड़ी वीर गाथाओं एवं उनके संघर्षों को फोटो के साथ साझा किया जाएगा। भीतर महिला सशक्तिकरण की स्कूलों में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें महिला समूह को आमंत्रित कर लिंग भेद के बारे में जागरूक किया जाएगा। बेटियों को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण ऑनलाइन दिया जाएगा। स्थानीय महिलाओं को विद्यालयों में खुद की सुरक्षा एवं आत्मसम्मान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।