किसी भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी भी शिक्षक का वेतन रोके प्रदेश में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के द्वारा ताबड़तोड़ निरीक्षण किए जा रहे हैं और उसमें शिक्षकों के वेतन रोकने के लगातार आदेश जारी किए जा रहे हैं।
बीएसए के इन आदेशों के खिलाफ कुछ शिक्षक हाईकोर्ट पहुंच गए जहां पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव को तलब कर लिया हाईकोर्ट ने सचिव से कहा कि वह बीएसए की जवाबदेही तय करें। बीएसए किसी भी शिक्षक का वेतन नहीं रोक सकते हैं यह शिक्षा के अनिवार्य शिक्षा के नियम का सरासर उल्लंघन है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी जिस तरह से वेतन रोकने की संस्तुति कर रहे हैं वह नियम के विपरीत है उनके खिलाफ विभागीय अधिकारी एक्शन लें।
बीएसए नियमों का उल्लंघन न करें
कोविड-19 के दौर में प्रदेश के कई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रेंडम चेकिंग कर शिक्षकों का वेतन रोक रहे हैं एम बात यह भी है कि कुछ एबीएसए की रिपोर्ट पर बीएसए ने शिक्षकों का वेतन रोका है इस मैटर पर कुछ शिक्षक हाईकोर्ट चले गए जहां पर कोर्ट ने अनिवार्य शिक्षा की धारा 24 कानून के नियम 19 के तहत शिक्षकों का वेतन नहीं रोका जा सकता है
इस पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव को निर्देशित किया कि वह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उनकी जवाबदेही तय करें और किसी भी शिक्षक का वेतन रोका जाए अगर रोका गया है तो उसे तत्काल पहुंचे निर्गत कराया जाए हॉट नहीं अभी कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा
उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव से साफ कहा कि सभी बीएसए को डायरेक्शन दे दें।