लखनऊ : 19 सितंबर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के 890 ब्लॉकों में लगभग 1780 सरकारी स्कूलों को केंद्रीय रूप से प्रायोजित पीएम स्कूलों के तहत अपग्रेड किया जाएगा। इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर उसी हिसाब से विकसित किया जाएगा जिससे बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
दरअसल देश भर में 14,500 से अधिक स्कूलों को एनईपी 2020 के के तहत पीएम श्री स्कूलों के रूप में विकसित किया जाना है। इस योजना को वर्ष 2022 से पांच साल की अवधि के लिए 27,360 करोड़ की कुल परियोजना लागत के साथ लागू किया जाएगा।
यूपी में बेसिक एजुकेशन के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने कहा कि दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई थी, जहां केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस योजना के बारे में बात की थी। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी और अन्य लोग शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा कि हम पीएम श्री योजना के तहत हमारे कुछ स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए विवरण और अन्य तौर -तरीकों का इंतजार कर रहे हैं। प्रत्येक ब्लॉक में एक प्राथमिक और एक माध्यमिक विद्यालय योजना के तहत उन्नत किया जाएगा।
यूपी के स्कूली शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने कहा कि, ''यूपी में 890 प्राथमिक और कई माध्यमिक विद्यालयों को केंद्र सरकार योजना के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा।'' इन स्कूलों में सभी स्तरों पर मूल्यांकन वास्तविक जीवन स्थितियों के लिए वैचारिक समझ और ज्ञान के अनुप्रयोग पर आधारित होगा ।और योग्यता आधारित होगा।
एक स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन ढांचा (SQAF) विकसित किया जा रहा है, परिणामों को मापने के लिए प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों को निर्दिष्ट करता है। वांछित मानकों को सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर इन स्कूलों का गुणवत्ता मूल्यांकन किया जाएगा।
पीएम श्री स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से किया जाएगा जिसमें स्कूल आदर्श स्कूल बनने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। पोर्टल को वर्ष में चार बार खोला जाएग। एक बार योजना के पहले दो वर्षों के लिए और उसके बाद हर तिमाही। प्राथमिक विद्यालय और माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय को योजना के तहत चयन के लिए नामित किया जाएगा। चयन निश्चित समयसीमा के साथ तीन-चरण की प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।