गोरखपुर।गोरखपुर जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की छमाही परीक्षाएं सिर पर आ गई हैं, मगर अभी तक ज्यादातर को शासन की ओर से किताबें नहीं उपलब्ध कराई जा सकी हैं। जैसे-तैसे बच्चे पुरानी किताबों के सहारे अध्ययन में लगे हैं।गोरखपुर जिले के परिषदीय स्कूलों में करीब 3.5 लाख पढ़ते हैं। कक्षा एक से आठवीं में पढ़ने वाले इन बच्चों में प्रत्येक वर्ष तकरीबन 25 लाख किताबें वितरित की जाती हैं। मगर, इस बार शासन स्तर से महज 7.5 लाख किताबों की ही आपूर्ति हो सकी है। वितरण भी धीमी रफ्तार से चल रहा है। अब तक 5.25 लाख किताबें ही वितरित की जा सकी हैं।शासन की ओर से सभी जिलों को 10 अक्तूबर तक किताबों का वितरण पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। मगर, आपूर्ति की रफ्तार बेहद सुस्त होने की वजह से ये लक्ष्य हासिल कर पाना बेहद मुश्किल लग रहा है।
2.5 लाख बच्चों को यूनिफार्म के पैसे भेजे गए
शासन की ओर से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल यूनिफार्म, जूता मोजा, स्कूल बैग, और स्टेशनरी के मद में 1200 रुपये प्रतिछात्र की धनराशि डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के बैंक खाते में भेजी जा रही है। किताबों की तरह ही स्कूल यूनिफार्म के वितरण की प्रक्रिया भी बेहद धीमी हैं। वहीं, एक लाख से अधिक बच्चों के आधार कार्ड, बैंक अकाउंट के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसे भी पूरा कर बच्चों को डीबीटी के माध्यम से स्कूल यूनिफार्म की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।नियमित अंतराल पर जिले को किताबों की खेप मिल रही है। इनका सत्यापन कराकर जल्द से जल्द किताबों का वितरण सुनिश्चित कराया जा रहा है। डीबीटी के अंतर्गत धनराशि भेजे जाने की प्रक्रिया भी चल रही है। इसे भी शीघ्र पूर्ण कराया जाएगा। – आरके सिंह, बीएसए