दो लाख से अधिक बच्चों का डेटा अब तक नहीं हुआ फीड




बहराइच। डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 31 जुलाई तक तीन लाख 82 हजार छात्र-छात्राओं का डेटा व अभिभावकों के बैंक खातों का सत्यापन कर शासन को भेजा जा चुका है। काफी संख्या में अभिभावकों के खाते में डीबीटी की धनराशि आवंटित भी कर दी गई है, लेकिन अब भी दो लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का डेटा उनका आधार कार्ड न बनने से शासन को नहीं भेजा जा सका है। ऐसे में इन छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ पाने के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

शासन द्वारा डीबीटी योजना के तहत प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा व स्कूल बैग खरीदने के लिए शासन द्वारा 1100 रुपये प्रदान किए जाते थे। इस वर्ष इस धनराशि में पेंसिल, रबर व कटर आदि खरीदने के लिए सौ रुपये की वृद्धि कर दी गई है। ऐसे में अब अभिभावकों को 1200 रुपये प्रति छात्र- छात्रा प्रदान किए जा रहे हैं। शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं का डेटा भेजने के लिए अभिभावकों के बैंक खाते की डिटेल व बच्चों का आधार कार्ड सत्यापित करने का कार्य शुरू किया गया था।

डेटा फीड करने में सबसे बड़ी बाधा बच्चों के पास आधार कार्ड न होना बताया जा रहा है। जिन बच्चों के आधार कार्ड बने भी हैं उनमें काफी त्रुटियां भी सामने आ रही हैं। ऐसे में काफी प्रयासों के बाद भी विभाग की ओर से 31 जुलाई तक तीन लाख 82 हजार नौनिहालों का डेटा ही शासन को भेजा जा सका है। अभी भी दो लाख 12 हजार छात्र-छात्राओं का डेटा आधार कार्ड उपलब्ध न होने से शासन को नहीं भेजा जा सका है। ऐसे में इन छात्र-छात्राओं को योजना के लाभ के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा।

आधार बनवाने में लाएं तेजी : ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों द्वारा बच्चों का आधार कार्ड बनवाने में जागरुकता नहीं दिखाई जा रही है। वहीं, तमाम बच्चों की जन्मतिथि व नाम भी गलत हैं। ऐसे में दिक्कतें आ रहीं हैं। अभिभावकों को शीघ्र ही अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।