लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन कई जिले इसमें रुचि नहीं ले रहे । अंशकालिक अनुदेशकों की समीक्षा में पता चला कि सिर्फ 17 जिलों में ही डाटा फीड किया गया है, पर डाटा 80 फीसदी से कम है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी जिलों को 31 अगस्त तक पूरा विवरण पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य परियोजना कार्यालय से हुई पड़ताल में पता चला कि प्रदेश में कार्यरत 25883 अंशकालिक अनुदेशकों में सिर्फ 22675 अनुदेशकों का ही पोर्टल पर ब्योरा है। संतकबीरनगर व हापुड़ ऐसे जिले हैं, जिनमें 50 फीसदी से कम, अयोध्या में 51.40, मऊ में 62.41, बांदा में 64.16, आजमगढ़ में 65.33,जौनपुर में 65.99, बागपत में 67.50, कौशांबी में 68.61 व बस्ती में 69.15 फीसदी अनुदेशकों का ही ब्योरा दर्ज है। बदायूं, अंबेडकरनगर, उन्नाव, शाहजहांपुर, संभल, लखनऊ व बलिया में 70 से 80 फीसदी ब्योरा दर्ज है। पांच जिले ऐसे हैं जहां सभी का ब्योरा दर्ज है। यही हाल शिक्षामित्रों के डाटा फीडिंग का है। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों का ब्योरा भी अधूरा है। खंड शिक्षा अधिकारी पोर्टल में ब्योरा अपडेट करने में ढिलाई बरत रहे हैं। ब्योरा दर्ज न होने से शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की सेवा पुस्तिका नहीं बन पाएगी और भविष्य में वेतन भुगतान पूरी तरह ऑनलाइन करने में भी दिक्कत होगी।