सुलतानपुर: जिले के साढ़े चार सौ विद्यालयों में अब तक चहारदीवारी नहीं बन सकी। इससे नौनिहालों को असुरक्षित माहौल में पढ़ाई करनी पड़ती है। साथ ही परिसर में गंदगी भी होती है। ऐसा तब है जबकि कायाकल्प योजना लागू है।जिले भर के परिषदीय विद्यालयों में कुल 2,71,528 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। यह सभी वर्तमान में कुल 2,064 परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। दो सौ जूनियर व ढाई सौ प्राथमिक विद्यालयों में चहारदीवारी नहीं है। शासन के निर्देश पर कायाकल्प के तहत विद्यालयों में 19 बिंदुओं पर काम किया जा रहा है। इसमें चहारदीवारी का भी निर्माण कार्य शामिल है। अबतक लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका। प्रति मीटर 1803 रुपये मिलता है बजट2019 में जिले में बिना चहारदीवारी के आठ सौ विद्यालय थे। तीन साल के भीतर साढ़े तीन सौ में चहारदीवारी बनवाई गई। इसके निर्माण के लिए प्रति मीटर 1803 रुपये दिए जाते हैं। जिला समन्वयक निर्माण आनंद शुक्ल ने बताया कि सर्वे कराकर पंचायत विभाग के सहयोग से चहारदीवारी बनवाई जा रही है। साल के आखिर तक लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।रास्ते की भी समस्या जिले में पौने दो सौ विद्यालय ऐसे हैं, जहां तक पहुंचने के लिए ठीक से रास्ता नहीं है। अन्य मौसम में तो काम चल जाता है, लेकिन बारिश में स्थिति खराब हो जाती है। दूबेपुर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय पुरानी संगत तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। शिक्षकों को नहर की पटरी पर वाहनों को खड़ाकर आधा किमी दूर स्थित विद्यालय मेड़ से होकर जाना पड़ता है। वलीपुर में भी रास्ता नहीं है। बेसिक विद्यालय उघरपुर जाने के लिए भी नौनिहालों को चक्कर काटना पड़ता है।
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