लखनऊ : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को संवारने में प्रिसिंपल रुचि ले रहे हैं और न प्रशासन प्रोजेक्ट अलंकार योजना के तहत पुराने विद्यालय भवनों की मरम्मत के लिए 20 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। अब तक 148 विद्यालयों को कुल लागत का 50 प्रतिशत भुगतान भी किया जा चुका है। इसके बाद भी हालत यह हैं कि अधिकांश स्कूलों ने टेंडर ही नहीं किया है, सिर्फ दो विद्यालयों ने दूसरी किस्त मांगी है। वजह यह है कि जिलाधिकारी जांच रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं।
शिक्षा निदेशालय ने 26 जुलाई को शासन को आख्या भेजी है इसमें कहा गया है कि 12 जिलों गोरखपुर, देवरिया, बरेली, पीलीभीत, आजमगढ़, संतकबीर नगर, अयोध्या, सुलतानपुर, रायबरेली, मेरठ, हापुड़ व संभल में टेंडर जारी तक नहीं हो सके हैं। ऐसे ही मैनपुरी,
प्रतापगढ़, शाहजहांपुर, हाथरस, बलरामपुर, बांदा, जालौन, लखनऊ, मीरजापुर, भदोही, चंदौली में टेंडर की कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रयागराज कौशांबी, फतेहपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बलिया, श्रावस्ती, मऊ, हमीरपुर, बहराइच, आंबेडकरनगर, अमेठी, बाराबंकी, झांसी, बुलंदशहर, बागपत, बिजनौर व वाराणसी आदि जिलों में अनुरक्षण का कार्य शुरू नहीं हो सका है।
प्रदेश में ऐसे भी जिले हैं जहां पहली किस्त का कार्य पूरा हो चुका लेकिन दूसरी किस्त का धन नहीं मांगा जा रहा है। इनमें महराजगंज, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, बदायूं, आजमगढ़, मऊ, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, महोबा, बलरामपुर, गोंडा, ललितपुर, इटावा, कानपुर देहात, कानपुर नगर आदि जिले शामिल हैं। सिर्फ सहारनपुर व गाजीपुर के दो विद्यालयों ने ही दूसरी किस्त की मांग की है। वहीं, कुशीनगर, श्रावस्ती आदि में कार्य की लागत एक लाख रुपये कम है इसलिए वहां टेंडर नहीं हुआ है और न ही कार्य शुरू हो सका है। ज्ञात हो कि माध्यमिक शिक्षा विभाग दूसरी किस्त तभी जारी करेगा जब डीएम की ओर से गठित टास्क फोर्स गुणवत्ता रिपोर्ट सौंपेगा