शिक्षा सत्र का पांचवा माह चल रहा है, लेकिन जिले के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त चल रहे शिक्षकों के पदों की भरा नहीं जा सका है। इससे छात्र छात्राओं को जहां कोर्स पिछड़ने की चिंता सता रही है। वहाँ अभिभावक भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। 176 के मुकाबले 100 शिक्षकों की ही तैनाती है।
जिले में 14 राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं। नए शिक्षा सत्र में यूपी बोर्ड ने मंथली टेस्ट तथा अर्द्धवार्षिक परीक्षा कराने की व्यवस्था की है। लेकिन शिक्षा सत्र का चार माह बीत गया. लेकिन विद्यालयों में रिक्त चल रहे शिक्षकों के पदों को भरा नहीं जा सका है। विद्यालयों में शिक्षकों के पद लंबे समय से रिक्त चलने से छात्रों को कोर्स पिछड़ने तथा अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है। शिक्षकों के रिक्त चल रहे पदों पर नजर डाला जाए तो प्रवक्ता के 40 पद के मुकाबले पांच ही कार्यरत हैं। 120 सहायक अध्यापकों के सापेक्ष 66 ही कार्यरत हैं। इसी क्रम में 16 प्रधानाचार्य के मुकाबले पाँच को हो तैनाती है। शेष प्रभारी प्रधानाचार्य के भरोसे विद्यालय संचालित हो रहे हैं। राजकीय माध्यमिक विद्यालय सहरोज में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी विषय के सहायक अध्यापकों का पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है। शिक्षकों के पद काफी समय से रिक्त चलने से नामांकन पर असर पड़ रहा है। यही हाल नगर के इमिलिया स्थित राजकीय बालिका इंटर कालेज का है। यहां भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, प्राणी विज्ञान सहित विभिन्न विषयों के प्रवक्ता का पद रिक्त चल रहा है।