लखनऊ। प्रदेश में वर्ष 2010 से 2020 तक सरकारी नौकरियों में ओबीसी कोटे से कितनी नौकरियां दी गई हैं, विभाग इसकी जानकारी सरकार को देने में गंभीर नहीं हैं। सभी विभागों को इसकी सूचना सार्वजनिक उद्यम विभाग को देनी थी। कुल 83 विभागों में 40 का 23 अगस्त को और शेष 43 का ब्योरा 24 अगस्त को मांगा गया था।
इन दो दिनों में महज 35 विभागों ने ही आंकड़ा दिया। वहीं, कई विभागों ने उपस्थिति तो दर्ज कराई पर पूरी जानकारी नहीं दी। उनसे तत्काल पूरा ब्योरा देने को कहा गया है। दरअसल राज्य सरकार अपनी नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत दिए गए उनके प्रतिनिधित्व की समीक्षा करने जा रही है। गौरतलब है कि दो साल पहले राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस संबंध में जानकारी मांगी थी। इसके बाद ओबीसी कोटे में दी गई नौकरियों की जानकारी के लिए सामाजिक न्याय समिति बनाई गई। समिति ने पिछले साल रिपोर्ट दे दी थी।
इन दो दिनों में महज 35 विभागों ने ही आंकड़ा दिया। वहीं, कई विभागों ने उपस्थिति तो दर्ज कराई पर पूरी जानकारी नहीं दी। उनसे तत्काल पूरा ब्योरा देने को कहा गया है। दरअसल राज्य सरकार अपनी नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत दिए गए उनके प्रतिनिधित्व की समीक्षा करने जा रही है। गौरतलब है कि दो साल पहले राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस संबंध में जानकारी मांगी थी। इसके बाद ओबीसी कोटे में दी गई नौकरियों की जानकारी के लिए सामाजिक न्याय समिति बनाई गई। समिति ने पिछले साल रिपोर्ट दे दी थी।
जिन उप जातियों का प्रतिनिधित्व कम, उसे बढ़ाने की मंशा : माना जा रहा है कि सरकार की मंशा यह है कि ओबीसी की जो जातियां आरक्षण के दायरे में होते हुए भी इसका लाभ नहीं पा रही हैं, उन्हें भी प्रतिनिधित्व के आधार पर फायदा दिया जाए। यानी जिन उप जातियों का प्रतिनिधित्व कम होगा, उसे बढ़ाया जाएगा। ब्यूरो