यूपी सरकार गांवों की बढ़ती आबादी को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार 20 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों को छोटे शहर यानी नगर पंचायत का का दर्जा देने का फैसला लिया है। इसके लिए जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगा गया हैं।
सभी सुविधाओं के साथ मिलेगा रोजगार
वर्तमान में नगर निकायों में 22 फीसदी आबादी रहती है। इस आबादी को बढ़ाकर 30 फीसदी तक करने की तैयारी की जा रही है, जिससे वहां रहने वालों को स्थानीय स्तर पर बेहतर सुविधाओं के साथ रोजगार के संसाधन मिल सकें। इसी के आधार पर ही नई नगर पंचायतें बनाई जा रही हैं।
नगर विकास विभाग ने जिलाधिकारियों से कहा है कि उनके यहां 20 हजार से अधिक आबादी वाली जितनी भी ग्राम पंचायतों हैं उनका स्थलीय परीक्षण कराया लिया जाए और अगर वे नगर पंचायत बनने की श्रेणी में आती हैं तो इसका प्रस्ताव उपलब्ध कराया दिया जाए। इसके साथ ही सीमा विस्तार के संबंध में भी कहा गया है।
मिलेगी हर सुविधा
गांवों से पलायन कर लोग बेहतर सुविधाओं की तलाश में शहरों का रूख करते हैं। इसलिए उन्हें स्थानीय स्तर पर ही वे सुविधाएं उपलब्ध कराने पर काम किया जा रहा है। निकाय क्षेत्रों में रहने वालों को स्वच्छ पेयजलापूर्ति, सड़क, गलियां, जल निकासी, सफाई व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण, सीवरेज व्यवस्था, मार्ग प्रकाश, पार्क, स्वच्छ पर्यावरण समेत कई अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाएगा।
मौजूदा समय केंद्र सरकार निकायों में विकास कार्य के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। खासकर अमृत योजना में पानी, सीवर और पार्क की व्यवस्था कराई जा रही है। स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय और प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में पक्के मकान बनाकर दिए जा रहे हैं। नगर पंचायत बनने के बाद इन योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।