पाली(ललितपुर)। जिले में सरकारी विद्यालयों की दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कस्बा पाली में स्थित प्राथमिक कन्या विद्यालय में छात्राएं घर से गोबर के उपले लेकर आती हैं, तब जाकर उनके लिए मिड डे मील बनता है। स्कूल में गैस कनेक्शन होने के बाद भी मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाया जा रहा है। बच्चों को चूल्हे से उठने वाले धुंआ के बीच पढ़ाई करनी पड़ रही है।
प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों को कान्वेंट की तर्ज पर चलाने के लिए तमाम कवायदें कर रही है। शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्मार्ट क्लास बनाने के साथ बेहतर शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। मगर जिले के कस्बा पाली के प्राथमिक कन्या विद्यालय में हालात कुछ और ही हैं। यहां छात्राओं के लिए मिड डे मील बनाने के लिए गैस का कनेक्शन दिया गया था। मगर यहां मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाया जा रहा है। इतना ही नहीं खाना पकाने के लिए छात्राओं से गोबर के उपले भी मंगाए जाते हैं। छात्राओं ने बताया कि वह अपने घर से गोबर के उपले लाती हैं। तभी मिड डे मील पकाया जाता है। चूल्हे पर खाना पकाए जाने से धुआं कक्षाओं में पहुंच रहा है। जिससे बच्चों को पढ़ाई करने में काफी मुसीबत का सामना करना पड़ता है और धुएं से आंखों से आंसू निकलते हैं। इसका असर बच्चों की आंखों पर पड़ रहा है। विद्यालय में बना कुछ महीने पहले बना शौचालय भी पूर्ण नहीं है। बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बच्चे स्वयं धो रहे खाने के झूठे बर्तन
इस विद्यालय में चूल्हे पर मिड डे मील तो बनाया ही जा रहा है। मिड डे मील बच्चों को स्कूल की थालियों में परोसा जाता है। यहां तक तो ठीक है लेकिन जब बच्चे खाना खा लेते हैं तो स्कूल स्टाफ द्वारा उन झूठी थालियों को बच्चों से ही साफ कराया जा रहा है।
कक्षाओं की छत से दिख रहे लोहे के सरिया
कहने को तो सरकारी परिषदीय विद्यालयों में रंग रोगन व निर्माण कार्य जोर-शोर से कराए जा रहे हैं। लेकिन प्राथमिक कन्या विद्यालय पाली इससे काफी दूर है। यहां विद्यालय के कक्षाओं के अंदर छत से सरिया बाहर दिखाई दे रहे हैं। जोकि कभी भी खतरे का कारण बन सकता है।
गैस खत्म हो गई होगी। इसलिए चूल्हे पर खाना बन रहा होगा। बच्चे अपनी थाली स्वयं धोते हैं, तो सही तरीके से धोते हैं। - कपूर सिंह, खंड शिक्षाधिकारी ब्लॉक बिरधा