एटा। एक जुलाई से सभी 1691 परिषदीय विद्यालयों में शिक्षारत 1.80 लाख बच्चों की सेहत सुधारने के लिए फोर्टिफाइड चावल देने के निर्देश थे। दावा किया जा रहा है कि पहले दिन से ही फोर्टिफाइड चावल बांटा गया है, लेकिन न तो शिक्षकों को पता था और न राशन डीलरों को ही इसकी जानकारी थी।
फोर्टिफाइड चावल वितरण की पड़ताल करने के लिए अमर उजाला की टीम शुक्रवार सुबह 11 बजे कंपोजिट विद्यालय असरौली पहुंची। यहां पर चावल के बारे में जानकारी करने पर प्रधानाध्यापिका पुष्पलता ने बताया कि चावल तो आया है, लेकिन पहले जैसा ही है। उसी को मध्याह्न भोजन में बनाकर वितरित कराया है। 11.15 बजे उप्रावि कसैटी के प्रधानाध्यापक दयाशंकर अंबेश ने बताया कि फोर्टिफाइड चावल के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। जैसा मिला है, बनाकर बांट दिया गया है।
प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीलम राठौर ने बताया कि फोर्टिफाइड चावल क्या होता है, अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। पुराने चावल की ही खिचड़ी पकाई गई है। रामदरबार के सामने प्रावि सुभाषचंद्र बोस में रसोइया ऊषा देवी ने बताया कि यहां पर बच्चों को एक एनजीओ द्वारा एमडीएम वितरित किया जा रहा है। कौन सा चावल लगाया है, पता नहीं।
फोर्टिफाइड चावल में ये हैं पोषक तत्व
फोर्टिफाइड (पोषणयुक्त) चावल में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इस चावल के सेवन से कुपोषण को दूर किया जा सकता है। सूक्ष्म पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाकर फोर्टिफाइड चावल तैयार किया जाता है।