राज्यकर विभाग में मलाईदार पदों पर कई वर्षों तक जमे रहने का खेल समाप्त होने जा रहा है। इसके लिए विभाग में समूह ‘ग’ के कर्मियों की तैनाती की अवधि निर्धारित कर दी गई है। साथ ही इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया है। नई व्यवस्था के मुताबिक विभाग के सचल दल, विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) और प्रवर्तन शाखा जैसे विंग में कर्मी अब अधिक दिनों तक तैनात नहीं रह पाएंगे। सचल दल में एक वर्ष और एसआईबी व प्रवर्तन कार्यालय में दो साल ही कर्मी रहेंगे। माना जा रहा है कि इस व्यवस्था के लागू होने से कर चोरी या राजस्व से जुड़ी गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
इस संबंध में अपर आयुक्त प्रशासन सुधा वर्मा ने आदेश जारी करते हुए सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश भेज दिया है। आदेश के मुताबिक समूह ‘ग’ का कर्मी कर निर्धारण कार्यालय में जहां तीन साल तैनात रह सकेगा, वहीं गैर कर निर्धारण कार्यालय में दो साल, अपर आयुक्त ग्रेड-दो (अपील) और टैक्स आडिट कार्यालय में अधिकतम तीन साल ही तैनात रह सकेंगे।
इसी प्रकार नई व्यवस्था में सचल दल व विशेष अनुसंधान शाखा में रह चुके कर्मियों को एक-दूसरे शाखाओं में तैनाती नहीं की जाएगी। ऐसे कर्मियों को इन शाखाओं से हटने के बाद तीन साल तक दुबारा इन शाखाओं में तैनाती नहीं दी जाएगी। यदि इन शाखाओं में तैनाती के दौरान किसी कर्मी के खिलाफ गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त होती है तो ऐसे कर्मियों को पूरे सेवा काल में इन शाखाओं में किसी भी हाल में तैनाती नहीं दी जाएगी। यहीं नही, नई व्यवस्था में इन शाखाओं में संबद्धीकरण पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसी प्रकार स्थानांतरण के लिए दबाव बनवाने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।