बिजनौर। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब तिमाही और छमाही परीक्षाएं होंगी। विभाग विद्यालयों में जुलाई के अंत में तिमाही परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है। सरकारी पाठशालाओं में तिमाही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इन परीक्षाओं से छात्रों में प्रतिस्पर्धा कि भावना पैदा होगी। बार-बार मूल्यांकन होने से सीखने की क्षमता भी बढ़ेगी।
पहले विद्यालयों में तिमाही और छमाही परीक्षाएं होती थीं। विभाग के साथ छात्र-छात्राएं भी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा करते थे। इनके नंबर जोड़ वार्षिक परीक्षाफल बनता था। महानिदेशक वीके आनंद परीक्षा कराने के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। पहली परीक्षा जुलाई के अंत में होने की संभावना है, जबकि छमाही परीक्षा अक्टूबर में तथा तीसरी परीक्षा जनवरी और अंत में वार्षिक परीक्षा को समावेशित करते हुए चौथी परीक्षा मार्च में कराई जाएगी। इन सभी परीक्षाओं के परिणाम एक सप्ताह के भीतर मार्च में घोषित कर दिए जाएंगे। यह सब कुछ निपुण भारत मिशन के तहत तय किए गए लक्ष्यों को लेकर किया जाएगा। विकास खंड किरतपुर में कार्यरत एकेडमिक रिसोर्स पर्सन चौधरी आदेश पाल ने बताया कि हर तीन माह में परीक्षा लेने से छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक दोनों को स्वयं को परखने का मौका मिलेगा।
संख्या व मूलभूत ज्ञान पर ज्यादा बल
निपुण भारत मिशन में संख्या ज्ञान तथा मूलभूत साक्षरता पर विशेष जोर दिया जा रहा है। हिंदी भाषा में सरल शब्दों से बने वाक्यों से लेकर अनुच्छेद पढ़कर प्रश्नों को हल करने तक बच्चों को सिखाया जाएगा। इसी प्रकार गणित में साधारण जोड़ घटाव से लेकर गुणा के प्रश्न तक बच्चों को सिखाने की तैयारी है। बीएसए जयकरन यादव ने कहा कि तिमाही परीक्षा कराने की तैयारी शुरू की जाएगी। तीन माह में होने वाली परीक्षा से शिक्षा का स्तर उठेगा। क्योंकि इस परीक्षा से मूल्यांकन होता रहेगा।