स्कूल की 23 शिक्षिकाओं को धमकाने का मामला आया सामने, जाने


प्रयागराज : तेलियरगंज स्थित महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर स्कूल की 23 शिक्षिकाओं को धमकाने का मामला सामने आया है। किसी ने डीआईजी अमित पाठक की डीपी लगाकर खुद को आईपीएस अफसर बताते हुए शिक्षिकाओं से उनकी निजी जानकारी मांगी। साथ ही इंकार करने पर धमकी दी। शिक्षिकाओं ने इसकी शिकायत शिवकुटी पुलिस से की है।







शिक्षिकाओं के पास तीन दिन पहले एक अज्ञात नंबर से मैसेज आया। कुछ देर बाद व्हाट्सएप के जरिये कॉल की गई। कॉल रिसीव करने पर फोन करने वाले ने खुद को आईपीएस अफसर बताया। साथ ही कहा कि उनके और स्कूल के कुछ अन्य लोगों के मोबाइल से अभद्र मैसेज भेजे जा रहे हैं। इसकी शिकायत मिली है। ऐसे में अपने स्टाफ के बारे में जानकारी दीजिए। शिक्षिकाओं ने जब कॉलर का नाम पूछा तो वह धौंस जमाने लगा।

करने वाले ने खुद को आईपीएस अफसर बताया। साथ ही कहा कि उनके और स्कूल के कुछ अन्य लोगों के मोबाइल से अभद्र मैसेज भेजे जा रहे हैं। इसकी शिकायत मिली है। ऐसे में अपने स्टाफ के बारे में जानकारी दीजिए। शिक्षिकाओं ने जब कॉलर का नाम पूछा तो वह धौंस जमाने लगा।आईपीएस अफसर बनकर अंजाम गंभीर होने की धमकी देने लगा। फोन काट दिया तो इसके बाद भी कई बार कॉल की। शिक्षिकाओं ने जब इस घटना की जानकारी साझा की तो अन्य ने भी इसी नंबर से कॉल आने की बात बताई। बाद में पता चला कि कुल 22 शिक्षिकाओं को उक्त नंबर से धमकी भरी कॉल आई। जिसके बाद शिक्षिकाओं ने मामले की जानकारी प्रिंसिपल को दी।

इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल अल्पना डे ने बताया कि शिक्षिकाओं को धमकी भरे मैसेज व कॉल आने की बात पता चली है। पुलिस से शिकायत की गई है। उधर जब इस मामले में शिवकुटी एसओ मनीष कुमार त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने शिकायत मिलने की बात से इंकार किया। जबकि जगत तारन गोल्डेन जुबिली कॉलेज की प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो ने भी इसी नंबर से धमकी भरे कॉल आने की बात बताई।डीआईजी की डीपी, बायो में डीएसपी लिखाशिक्षिकाओं के पास जिस नंबर से कॉल आई, उसके व्हाट्सएप अकाउंट डिस्प्ले पिक्चर के तौर पर डीआईजी अमित पाठक की तस्वीर लगी है। लेकिन इसके नीचे बायो में डीएसपी दीपक लिखा हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि अफसर की तस्वीर लगाकर कोई व्यक्ति लोगों को धमकाने का काम कर रहा है।



मुझे ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। रही बात व्हाट्सएप डीपी पर तस्वीर लगे होने की तो साइबर अपराधी इंटरनेट से लोगों की फोटो लेकर फ्रॉड के लिए इस्तेमाल करते हैं। – अमित पाठक, डीआईजी