झांसी। इस बार ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद शासन ने 16 जून से परिषदीय विद्यालयों का संचालन शुरू कर दिया था। इसे लेकर बेसिक शिक्षा परिषद के महानिदेशक ने शिक्षा विभाग समेत हर विभाग के अफसरों को स्कूलों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिला और ब्लॉक स्तर पर टीमें भी बनाई गईं। मगर हालात यह रहे कि टीमें स्कूलों को देखने के लिए पहुंची ही नहीं हैं। केवल शिक्षा विभाग के ही अफसरों ने एक सप्ताह में स्कूलों का निरीक्षण किया। ऐसे में महानिदेशक के निर्देश तो ताक पर हैं हीं, साथ ही शिक्षकों की मौज हो गई है।
महानिदेशक बेसिक शिक्षा, विजय किरण आनंद ने ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने के बाद प्रतिदिन स्कूलों में सघन निरीक्षण कराने के निर्देश जारी किए थे। जिसमें जिला स्तरीय टास्क फोर्स और ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर निरीक्षण कर शिक्षकों की उपस्थिति और विद्यालयों की स्थिति जांचनी थी। इसके बाद टीमों को अपनी निरीक्षण रिपोर्ट को विभाग के पोर्टल पर दर्ज करनी थी। विभागीय सूत्रों ने बताया कि किसी भी टीम ने अपनी रिपोर्ट न तो पोर्टल पर दर्ज की और विभाग को भी कोई लिखित या मौखिक सूचना नहीं दी।
शिक्षा विभाग से भी चुनिंदा अफसरों ने ही निरीक्षण किया। विभाग में बीएसए समेत पांच से अधिक समन्वयक, 12 बीईओ की तैनाती है। मगर स्कूलों का निरीक्षण महज बीएसए, दो जिला समन्वयक और दो खंड शिक्षा अधिकारियों ने ही किया। निरीक्षण कार्य में बरती जा ही शिथिलता से शिक्षकों की मौज है। बताया जाता है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों कई स्कूल ऐसे हैं जहां एक सप्ताह बाद भी ताले नहीं खुले हैं। वहीं बीएसए की टीम ने भी एक सताह में महज तीन दिन ही स्कूलों को जांचा।
निरीक्षण कार्य लगातार हो रहे हैं। अधिकारियों द्वारा निरीक्षण की सूचना पोर्टल पर अपलोड करा दी जाती है। अगर किसी टीम या अधिकारी की सूचना नहीं मिली है, तो इसे दिखवाता हूं। - वेदराम, बीएसए