आजमगढ़। डीबीटी ऐप पर परिषदीय शिक्षक इन दिनों कई कार्य कर रहे हैं। इनमें नए छात्रों का पंजीकरण, पुराने छात्रों की यूनीफार्म पहना कर फोटो अपलोड करने व छात्रों के आधार सत्यापन जैसे कार्य शामिल हैं। सबसे बड़ी समस्या आधार व स्कूल रिकार्ड में जन्मतिथि की भिन्नता है। जिसके चलते छात्रों के आधार सत्यापन में मुश्किलें पेश आ रही हैं।
शिक्षकों की माने तो अभिभावकों ने कई साल पहले अपने बच्चों के आधार कार्ड बनवाए थे तो उन्होंने आधार में जन्मतिथि अंकित कराने को लेकर समुचित गंभीरता नहीं बरती थी। इस कारण आधार सेंटर के फीडिंग कर्मी ने अपनी मर्जी से बच्चों की गलत जन्मतिथि आधार में अंकित कर दी थी। जब बच्चे स्कूलों में प्रवेश के लिए पहुंचे तो वहां अभिभावकों ने दूसरी जन्मतिथि अंकित कराई। जन्मतिथि का यह अंतर तमाम स्कूलों में सामने आ रहा है। आधार सत्यापन के दौरान समूचा ब्यौरा आधार कार्ड के अनुसार ही होना चाहिए तभी आधार का सत्यापन हो सकेगा। भिन्न जन्मतिथियों के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। जिसके शिक्षक आधार सत्यापन में उलझ कर रह गए हैं। यदि बच्चों की वास्तविक जन्मतिथि की बजाए उन्हें उम्र में अधिक दिखाया गया है तो भविष्य में उनका नुकसान हो सकता है। वह आयु वर्ग के अनुसार कक्षाओं को पास नहीं कर पाएंगे। वहीं शिक्षकों की माने तो ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों ने समय रहते प्रवेश पंजिका के अनुसार आधार कार्ड में संशोधन नहीं कराया। यदि अब संशोधन किया जाएगा तो समय रहते डीबीटी का कार्य नहीं पूरा हो सकेगा।