सीबीएसई बोर्ड के स्कूल उन स्कूलों के बच्चों का 9वीं और 12वीं में प्रवेश नहीं ले सकेंगे, जिसको मान्यता नहीं मिली है। यदि कोई स्कूल ऐसा करता पाया जाता है और जांच में यह सिद्ध हो जाता है तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है। शर्त के मुताबिक स्कूलों को एक जुलाई से स्कूल में पंजीकरण और शिक्षकों का डाटा बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। आखिरी तिथि 30 सितंबर निर्धारित है।
प्रवेश को लेकर सख्ती की वजह यह है कि बहुत से ऐसे स्कूल हैं, जिनके विद्यार्थी पढ़ाई तो बिना मान्यता वाले स्कूलों में ही करते हैं लेकिन उनका औपचारिक पंजीकरण बोर्ड के स्कूलों में रहता है। प्रवेश के लिए बोर्ड ने यह शर्तें रखी हैं।
• केवल अपने स्कूल के नियमित विद्यार्थियों का ही प्रवेश लेना होगा।
• अगर दूसरे स्कूल के बच्चे का प्रवेश लें तो उसकी भी मान्यता होनी चाहिए।
•11वीं में उसी विद्यार्थी का प्रवेश लिया जाए, जिसका हाईस्कूल रिजल्ट बोर्ड ने जारी किया हो एक कक्षा में 40 से ज्यादा बच्चे नहीं बैठाने होंगे।
•हर स्कूल में 30 बच्चे पर एक शिक्षक होना अनिवार्य है बोर्ड से अनुमति लेने के बाद ही सेक्शन की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
•दिव्यांग बच्चों को सहूलियत देने की अनिवार्यता होगी स्कूलों को जिस विषय की मान्यता मिली है, उसी में प्रवेश लेना होगा।
•बिना मान्यता वाले विषय में प्रवेश लेने पर स्कूल मान्यता रद कर दी जाएगी।
सीबीएसई ने 9वीं और 11वीं कक्षा में प्रवेश के लिए नियम और शर्तें जारी की हैं। इनसे सभी स्कूलों को बोर्ड की ओर से अवगत भी करा दिया गया है।