प्रयागराज, । प्रदेश के 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को फिर कंप्यूटर शिक्षक नहीं मिल सकेंगे। इन स्कूलों में पहली बार कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने पदसृजन का प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा विभाग से मांगा था। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने यूपी बोर्ड के सचिव को 21 अप्रैल को पत्र लिखकर उन स्कूलों की जानकारी मांगी थी जहां कंप्यूटर विषय/शिक्षा की मान्यता (हाईस्कूल व इंटर) है और पढ़ाई हो रही है। लेकिन शासन से पदसृजन की मंजूरी मिलने से पहले ही उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) की भर्ती शुरू कर दी। इससे उन अभ्यर्थियों को झटका लगा है जो कंप्यूटर विषय से शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे थे। कम से कम इस सत्र में तो कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती होना मुमकिन नहीं दिख रही।
ऑनलाइन के जमाने में कंप्यूटर से दूर बच्चे: ऐसे समय में जब प्रवेश से लेकर नौकरी तक के आवेदन के लिए सबकुछ ऑनलाइन हो गया है, प्रदेश के हजारों सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के बच्चे कंप्यूटर की पढ़ाई से दूर हैं। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में दस साल पहले आईसीटी योजना के तहत कंप्यूटर शिक्षा शुरू की गई थी। प्रत्येक स्कूल को 10-10 कंप्यूटर देने के साथ आउटसोर्स पर शिक्षक 15 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर रखे गए थे। लेकिन योजना शुरू होने के पांच साल बाद बंद हो गई। अधिकांश स्कूलों में कंप्यूटर लैब पर चार-पांच साल से ताला पड़ा है।
राजकीय स्कूलों में 2018 में शुरू हुई थी भर्ती
प्रदेश के 2200 से अधिक राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी। पहली बार एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती 2018 में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पद विज्ञापित किए गए थे। कुल 1673 पदों में से 898 पुरुष व 775 महिला शाखा के लिए थे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इस भर्ती का परिणाम 23 अक्टूबर, 2019 को जारी किया। लेकिन पुरुष वर्ग में 30 व महिला वर्ग में केवल छह सफल हो सके, बाकी पद खाली रह गए।
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