विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक रविवार को नार्मल स्कूल में हुई। इसमें खंड शिक्षा अधिकारी के अभद्र व्यवहार पर नाराजगी जाहिर की गई। साथ ही खेल सामग्री खरीद के लिए शिक्षकों से बिना फर्म के नाम का चेक जबरन लिए जाने का विरोध किया गया।
संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान ने कहा कि कई बीईओ निरीक्षण के दौरान शिक्षकों से अभद्र भाषा का प्रयोग कर तू-तड़ाक से बात करते हैं। इससे शिक्षकों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंच रही है। निरीक्षक करने का उद्देश्य शिक्षकों का आर्थिक शोषण नहीं होना चाहिए। जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र शुक्ल ने कहा कि निरीक्षण के दौरान कई बीईओ बच्चों के सामने शिक्षकों का साक्षात्कार लेने लगते हैं। जबकि शिक्षक कई प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करके यहां तक पहुंचा है। ऐसे में अध्यापक को नीचा दिखाने का प्रयास निदनीय है। महामंत्री तुलाराम गिरि ने कहा कि दो वर्ष कोरोना काल के बाद नामांकन में बेतहाशा वृद्धि हुई है। उसी को आधार मानकर लक्ष्य निर्धारण उचित नहीं है। विद्यालय की भौगोलिक स्थिति एवं जनसंख्या में वृद्ध दर की कमी नामांकन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। जिला मंत्री पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि खेल सामग्री के नाम पर कई ब्लाकों में शिक्षकों से बिना फर्म के नाम का चेक बीईओ दबाव बनाकर ले रहे हैं। इसके विपरित न तो पूर्ण सामग्री दी जाती है और न ही बिल वाउचर मिलता है। जिला प्रवक्ता उत्तम चंद गुप्त ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग की। धर्मेंद्र गुप्त, सुभाष चंद्र मिश्र, मसूद आलम अंसारी, राघवेंद्र मिश्र, प्रदीप चौहान, जटाशंकर यादव, चंद्रेश मिश्र, आनंद यादव उपस्थित रहे।