स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता, अध्यापकों की दक्षता, कार्य व्यवहार, विद्यालयों में संसाधन, शिक्षकों की मनोदशा व कार्यप्रणाली आदि को परखने के लिए देशभर में नेशनल अचीवमेंट सर्वे कराया गया। इसकी रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सर्वे के अनुसार प्रयागराज का हर तीसरा शिक्षक काम के बोझ से दबा है। 50 प्रतिशत स्कूलों में ही सपोर्टिव स्टाफ है। विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की दक्षता देखी जाए तो 83 प्रतिशत स्टाफ दक्ष है। शेष को और बेहतर करने की जरूरत है। इसीक्रम में हर दूसरे विद्यार्थी के घर में इंटरनेट कनेक्टिविटी भी है। सर्वे रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं को उठाती अमलेंदु त्रिपाठी की रिपोर्ट।
संसाधन के बाद अब गुणवत्ता पर जोर बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि जिन स्कूलों में पीने का पानी और शौचालय का अभाव है उनकी रिपोर्ट तलब की गई है। एक महीने में सब कुछ ठीक करा लिया जाएगा। यह सही बात है कि कोरोना और चुनाव आदि के समय शिक्षकों पर अधिक कार्यभार आ गया था। अब प्रयास है कि अध्यापन को गुणवत्तापूर्ण बनाया जाए। इसके लिए कई प्रशिक्षण भी कराए जा रहे हैं। रिपोर्ट में जनपद के 15.3 प्रतिशत विद्यार्थी पढ़ाई में दक्ष बताए गए हैं जब कि 84.7 प्रतिशत सामान्य या मानक से नीचे हैं। प्रदेश स्तर पर बनी सूची में प्रयागराज 30वें स्थान पर है।