ग्रेटर नोएडा। जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत हेडमास्टर और दो शिक्षा मित्रों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हो पाया है। विश्वविद्यालयों में तीनों के रोल नंबर का रिकॉर्ड नहीं मिला है। विश्वविद्यालय से जवाब मिलने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तीनों के वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। प्रमाण पत्रों के सत्यापन कराने के लिए तीनों को एक और मौका दिया गया है। यदि तीनों अपने रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाए तो विभाग उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई करेगा।
जेवर ब्लॉक में उच्च प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर अब्दुल रहमान खान, प्राथमिक स्कूल बेगमाबाद घड़ी के शिक्षा मित्र महिपाल और कंपोजिट स्कूल कानीघड़ी के शिक्षा मित्र विजेंद्र कुमार की सत्यापन प्रक्रिया में डिग्री की गड़बड़ी का पता चला है। हेडमास्टर और दोनों शिक्षा मित्र दशकों से बेसिक विभाग के स्कूलों में सेवाएं देकर वेतन ले रहे हैं। विभाग ने तीनों के वेतन पर रोक लगाते हुए सत्यापन कराने का एक और मौका दिया है।
विभाग ने अक्तूबर-2020 में तीनों कर्मियों के सत्यापन में दर्शाए गए दस्तावेज जांच के लिए वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को भेजे थे। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने 26 फरवरी 2022 को भेजे जवाब में बताया कि उनके पास शिक्षकों के रोल नंबर का रिकॉर्ड नहीं है। विभाग ने विश्वविद्यालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर हेडमास्टर और दोनों शिक्षा मित्रों का वेतन पर रोक लगा दी है। इसके अलावा विभाग ने तीनों कर्मचारियों को सत्यापन के लिए एक और मौका दिया है। जिसमें गड़बड़ी पाए जाने पर तीनों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी।
कुछ डिग्रीधारकों पर पहले भी उठे हैं सवाल
कुछ वर्ष पहले भी फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करते शिक्षक पकड़े गए थे। बताया जा रहा है कि उन मामलों में भी इसी विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री लगाई गई थी। अब जिले में कार्यरत इस विश्वविद्यालय के डिग्रीधारकों के दस्तावेज की प्राथमिकता से जांच की जा रही है।
सत्यापन प्रक्रिया में एक हेडमास्टर और दो शिक्षा मित्रों की डिग्री के रोल नंबर का विश्वविद्यालय में रिकॉर्ड नहीं मिला है। तीनों के वेतन पर रोक लगाते हुए सत्यापन का एक और मौका दिया है। फर्जीवाड़ा पाए जाने पर तीनों की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। - ऐश्वर्या लक्ष्मी, बीएसए गौतमबुद्ध नगर