आजमगढ़। नए शिक्षा सत्र में माध्यमिक शिक्षा विभाग पठन-पाठन की व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने को लेकर संजीदा है। शिक्षक अब रजिस्टर में हाजिरी लगाकर मौज नहीं काट सकेंगे। विभाग सभी राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने जा रहा है। अब इससे हाजिरी होगी। विभाग का मानना है कि इससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा।
जिले में 23 राजकीय और 97 सहायता प्राप्त विद्यालय हैं। आम तौर पर नए शिक्षासत्र में विभाग द्वारा पठन-पाठन को लेकर दिशा निर्देश दिया जाता है। शिक्षकों को नियमित क्लास व समय से विषय वस्तु तैयार करने पर जोर दिया जाता है। बावजूद इसके कोर्स पूरा नहीं हो पाता है। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है। दरअसल, इसमें सबसे बड़ी लापरवाही शिक्षकों की होती है। वह नियमित क्लास लेने के बजाए लापरवाही बरतते हैं। मनमर्जी डयूटी करते हैं। अधिकांश विद्यालयों में प्रधानाचार्य से साठगांठ कर वह उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर कर अपना कामकाज निपटाते हैं। उनकी सारे शैक्षिक क्रियाकलाप की रिपोर्टिंग फाइलों तक सीमित रहती है। मगर अब ऐसे शिक्षकों पर विभाग नकेल कसने जा रहा है। शिक्षक पठन-पाठन की व्यवस्था में लापरवाही नहीं कर सकेंगे। उन्हें नियमित विद्यालय आना होगा। विभाग ने राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में बायोमैट्रिक मशीन लगाने का निर्देश दिया है। नए शिक्षासत्र में विद्यालयों में शिक्षकों की बायोमैट्रिक मशीन से हाजिरी होगी। विभाग का मानना है इससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। राजकीय बालिका इंटर कालेज आजमगढ़ की प्रधानाचार्य ललिता कहतीं हैं कि उनके यहां शिक्षकों के लिए बायोमैट्रिक मशीन काफी पहले ही लग चुकी है। कोरोना संक्रमण के कारण अभी भी बायोमैट्रिक मशीन से हाजिरी नहीं लग पाती थी। अब इसे चालू किया जाएगा। वहीं जहां नहीं लगे होंगे वहां लगाए जाने का आदेश मिला है।
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