एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने सोमवार को देवरिया से एक फर्जी शिक्षक को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने उसे देवरिया के भगवान मांझा गांव के प्राथमिक स्कूल से गिरफ्तार किया। एसटीएफ के इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह ने उसके खिलाफ देवरिया के एकौना थाने में जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप में केस दर्ज कराया है। आरोपित के पास से 1,600 रुपये, दो मोबाइल फोन, एक आधार कार्ड व एक पैन कार्ड बरामद किया गया है। पकड़ा गया आरोपी हिस्ट्रीशीटर लाल बहादुर यादव का भाई है। आरोपित की पहचान बेलीपार के चेरिया निवासी विजय कुमार यादव पुत्र रामधनेश के रूप में हुई है।
एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि एसटीएफ को कई दिनों से फर्जी शिक्षकों के बारे में सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं, जिस पर जांच के लिए एक टीम गठित की गई थी। जांच में सामने आया कि गोरखपुर के बेलीपार का विजय कुमार यादव देवरिया के रुद्रपुर के भगवान मांझा गांव स्थित प्राथमिक स्कूल में शिक्षक के पद पर फर्जी तरीके से काम कर रहा है। इसके बाद टीम ने उसे वहां से दबोच लिया।
पूछताछ में आरोपित विजय कुमार यादव ने बताया कि उसके पास बीए की मार्कशीट नहीं है। उसके भाई लालबहादुर यादव ने बीए की फर्जी मार्कशीट कहीं से बनवाई थी। साथ ही यह भी बताया कि यूनिवर्सिटी के सारिणी पंजिका से वह पेज गायब करा दिया था।
बीए में थे कम नंबर
आरोपी ने बताया कि बीए की मार्कशीट में उसे 1800 में 748 नंबर मिले थे। मेरिट में आने के लिए उसे ज्यादा नंबर की आवश्यकता थी। लिहाजा उसने व उसके भाई ने 1800 में से 1325 नंबर की फर्जी मार्कशीट बनवा ली।
हिस्ट्रीशीटर था आरोपी का भाई लालबहादुर
पकड़े गए आरोपी का भाई लालबहादुर बेलीपार थाने का हिस्ट्रीशीटर व गैंगेस्टर था। माफिया विनोद उपाध्याय व उसके बीच में गोरखपुर के पीडब्ल्यू ऑफिस में गोलीबारी हुई थी, जिसमें विनोद उपाध्याय पक्ष के दो लोग मारे गए थे। बाद में लालबहादुर यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप माफिया विनोद उपाध्याय पर लगा था। बाद में विवेचना में विनोद का नाम बाहर आ गया था।