जौनपुर : प्रधानाचार्य की सूचना को अगर पुलिस ने गंभीरता से लिया होता, तो कालेज परिसर में प्रायोगिक परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी की हत्या न हुई होती। त्रिलोचन महादेव के पास स्थित रामरूप सवरेदय इंटर कालेज भवनाथपुर परिसर में रविवार दोपहर दो छात्र गुटों में हुई मारपीट में छात्र मिथिलेश यादव की मौत में हमलावरों के साथ अपने लापरवाह रवैये के लिए पुलिस भी कम दोषी नहीं है। हालांकि, छात्र की मौत के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने केस दर्ज करके देर रात तक तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
रामरूप सवरेदय इंटर कालेज भवनाथपुर में रविवार सुबह यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा थी। बाहर से परीक्षक आए हुए थे। बयालसी इंटर कालेज, जलालपुर प्रभावती इंटर कालेज, कुसांव और रामरूप सवरेदय इंटर कालेज के विद्यार्थी परीक्षा दे रहे थे। बयालसी इंटर कालेज के छात्रों के दो गुट के बीच पुरानी रंजिश को लेकर सुबह से ही कहासुनी चल रही थी। कालेज के प्रधानाचार्य लल्लू राम यादव ने यूपी-112 पर सूचना दी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। परीक्षा शुरू हुई। दोपहर में विवाद फिर शुरू हो गया। एक गुट के छात्रों के द्वारा मोबाइल फोन से काल करके बुलाने पर गमछा से मुंह बांधे करीब 20 युवक कालेज परिसर में पहुंच गए। दोनों गुटों के बीच मारपीट होने लगी। प्रधानाचार्य लल्लूराम यादव के अनुसार, अध्यापकों ने जान जोखिम में डालकर लाठी-डंडा लेकर बाहरी छात्रों को खदेड़ा। परिसर में नेवादा गांव निवासी इंटर का छात्र मिथिलेश यादव पुत्र उपेंद्र यादव बेहोश मिला। बीएचयू ट्रामा सेंटर ले जाते समय रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।