नई दिल्ली : 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने के साथ ही सभी राज्य अब इंप्रूवमेंट एक्जाम भी कराएंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में इस संबंध में की गई अहम सिफारिश के बाद शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को इंप्रूवमेंट एक्जाम कराने की सलाह दी है। साथ ही इसे शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अमल में लाने का लक्ष्य भी दिया है। यह मौका उन छात्रों को मिलेगा जो 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में एक या दो विषयों में फेल हुए हों या फिर किन्हीं एक व दो विषयों में मिले अंकों से संतुष्ट नहीं है और फिर से परीक्षा देकर उसमें सुधार करना चाहते हों।
शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल तब की है, जब असम जैसे राज्य के स्कूली शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की पूरक (कंपार्टमेंट) परीक्षाएं बंद कर दी है। दूसरे कई राज्यों में यह पूरक परीक्षाएं सिर्फ 12वीं के छात्रों के लिए आयोजित कराई जाती है। फिलहाल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सहित देश के ज्यादातर राज्य 10वीं और 12वीं दोनों में छात्रों को अंक सुधार के लिए पूरक परीक्षा में हिस्सा लेने का विकल्प दे रहे हैं।
मंत्रालय ने इसके साथ ही सीबीएसई सहित राज्यों का यह सुझाव भी दिया है कि वह पूरक (कंपार्टमेंट) परीक्षा की जगह उसे सुधार (इंप्रूवमेंट) परीक्षा नाम दें। क्योंकि यह परीक्षा छात्र अपने अंकों में सुधार के लिए ही देते हैं। साथ ही एक ही नाम से प्रयोग से देश भर में एकरूपता आएगी। एनईपी की सिफारिश के बाद शिक्षा मंत्रालय छात्रों को राहत देने की एक और बड़ी तैयारी में जुटा है। इसमें प्रत्येक कक्षा में छात्रों को अंक सुधार का एक मौका दिया जा सकता है। इसका मकसद किसी भी कक्षा में छात्रों को फेल होने से बचाने का है। यही वजह है कि मुख्य परीक्षा में यदि कोई छात्र फेल हो जाता है, या फिर वह अपने अंकों में सुधार लाना चाहता है, तो उसे यह विकल्प दिया जा सकता है।
’शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश के बाद राज्यों को दिया सुझाव ’अंक सुधार के साथ ही 10वीं और 12वीं में एक या दो विषयों में फेल होने वाले छात्रों को मिलेगा मौका ’कई राज्यों में यह व्यवस्था पहले से ही है लागू, कंपार्टमेंट एक्जाम की जगह इंप्रूवमेंट एक्जाम नाम दिया