यूपी सरकार इस बार सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले पहले करेगी और इसके बाद ही जिले के अंदर समायोजन व तबादले किए जाएंगे। बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत शिक्षकों की गर्मी की छुट्टियों में तबादले करने की तैयारी है। तबादला नीति को विभाग अंतिम रूप दे रहा है। इस बार नीति में कुछ संशोधन किए जा रहे हैं।
पिछली बार ज्यादा वरीयता अंक पाकर जिन शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ और पहले चरण में वे अपने जिलों में तैनाती के लिए पहुंचे तो उन्हें दूरदराज के एकल स्कूलों और बंद स्कूलों में तैनाती मिली थी। जबकि कम अंक पाकर सूची में बाद में जगह पाए अध्यापकों को जिला मुख्यालय के करीब तैनाती मिली। ऐसा इसलिए कि जिलों में पहले एकल और बंद स्कूलों का विकल्प खोला गया था। इस विसंगति को इस बार की तबादला नीति में दूर किया जाएगा।
इसके अलावा सेवा अवधि कम करने की मांग शिक्षक लगातार कर रहे हैं। हालांकि इसे कम करने की संभावना नहीं है क्योंकि पिछली बार की नीति को शिक्षकों ने कोर्ट में चुनौती दे दी थी और हाईकोर्ट ने महिला शिक्षकों की सेवा अवधि तीन साल और पुरुषों की पांच साल कर दी थी।
पिछले पांच वर्षों में केवल दो बार ही अंतरजनपदीय तबादले हुए हैं। पहली बार 2017-18 में 11963 शिक्षकों के तबादले हुए वहीं दूसरी बार 2019-20 में 26563 शिक्षकों के तबादले किए गए जिनकी सूची दिसम्बर, 2020 में जारी की गई। वहीं जिले के अंदर तबादले कई वर्षों से नहीं हुए हैं।