बलिया। बच्चों के दोपहर का भोजन डकारने का मामला सामने आया है। वाकया विकासखंड मुरली छपरा क्षेत्र बहुआरा गांव का है, जहां परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को एमडीएम के तहत मिलने वाले खाद्यान्न में अनियमितता की बात बैरिया नायब तहसीलदार, पूर्ति निरीक्षक और चौकी इंचार्ज लालगंज के प्रारंभिक जॉच में सामने आई है। आरोप प्रधान सुनीता देवी पर लगा है। इस संबंध में मुरलीछपरा ब्लॉक के सहायक विकास अधिकारी अवधेश पांडेय ने दोकटी थाने में ग्राम प्रधान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस माले की जांच में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने जिले के आला अधिकारियों को पत्र देकर मामले की शिकायत की थी। इसके बाद तहसील स्तर पर जब तफ्तीश हुई तो मालूम चला कि बिना लिखित अनुमति के संबंधित अधिकारियों संग एक कोटेदार पर दबाव डाल कर लगभग 90 कुंटल गेहूं-चावल की निकासी की गई है, जो बच्चों को कुपोषण जैसी बीमारी रोकने के साथ शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा दोपहर के भोजन के रूप में देने का प्रावधान है। बताया जाता है कि मौके पर जांच से मालूम हुआ कि 89. 17 कुंतल गेहूं चावल में 32. 90 कुंतल बच्चों को मिलने वाले गेहूं चावल का कोई ब्यौरा ही नहीं है। यह तो सिर्फ 6 माह के मिड डे मील जांच में लगभग 33 कुंटल गेहूं चावल का गबन है। वैसे उपजिलाधिकारी बैरिया ने सारी जांच और संबंधित आंकड़े संलग्न कर बेसिक शिक्षा अधिकारी को मामले की जानकारी सूचनार्थ प्रेषित कर दिया है।
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