लखनऊ: विधान मंडल के बजट सत्र के दौरान योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट 27 मई को पेश कर सकती है। अपने दूसरे कार्यकाल में योगी सरकार का यह पहला बजट होगा। वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लक्ष्य संधान में जुटी सरकार अपने पहले बजट से ही भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र को अमली जामा पहनाने में जुटेगी। बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देने के साथ सरकार बजट के जरिये किसानों, महिलाओं और नौजवानों को साधने की भरपूर कोशिश करेगी। बजट में केंद्रीय योजनाओं पर भी फोकस रहेगा। नए बजट का आकार छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगा। योगी सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में दो अनुपूरक बजट समेत कुल 5.67 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।
वैसे तो योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों के खर्च के लिए लेखानुदान पारित करा चुकी है, लेकिन मिशन-2024 की तैयारी में जुटी योगी सरकार संकल्प पत्र में किये गए वादों को पूरा करने के लिए कदम उठाने में देर नहीं करना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सभी विभाग अपने 100 दिनों, छह महीने और एक साल की कार्ययोजनाओं की प्रस्तुति कर चुके हैं। बजट पारित हुए चालू वित्तीय वर्ष के दो महीने बीत चुके होंगे। इसलिए सरकार बजट के जरिये विकास और कल्याणकारी योजनाओं को तेजी से बढ़ाने में जुटेगी।
बुनियादी ढांचे का विकास योगी सरकार की प्राथमिकता रही है जिसे वह अपने दूसरे कार्यकाल में भी जारी रखना चाहेगी। अधूरी एक्सप्रेसवे व मेट्रो रेल परियोजनाओं को पूरा करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता होगी। जेवर व अयोध्या एयरपोर्ट परियोजनाओं के लिए भी बजट आवंटन होना तय है। मुफ्त राशन की सुविधा को तीन माह के लिए बढ़ाने वाली योगी सरकार बजट में इसके लिए व्यवस्था करेगी। बजट के जरिये सरकार किसानों, महिलाओं और नौजवानों पर डोरे डालने की कोशिश करेगी।