सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी 2022 परीक्षा को स्थगित करने से इन्कार किया है। उसने कहा है कि इसमें देरी होने से चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित होगी। शीर्ष न्यायालय में इसे लेकर याचिका दायर की गई थी।
मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस डीवाई चंद्रचूर्ण और सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि परीक्षा को रद करने से अनिश्चिता का माहौल पैदा होगा। इससे बड़ी संख्या में परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्र प्रभावित होंगे। पीठ ने कहा कि छात्रों के दो वर्ग हैं- एक जो स्थगन की मांग कर रहा है और दो लाख छह हजार से अधिक उम्मीदवारों का एक बड़ा वर्ग है जो परीक्षा के लिए तैयारी कर चुका है और इसके स्थगित होने से प्रभावित होगा। गौरतलब है कि 10 मई को सुप्रीम कोर्ट चिकित्सकों की उन याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमत हो गया था, जिसमें परास्नातक के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) 2022 स्थगित करने का अनुरोध किया गया है। यह परीक्षा 21 मई को होनी है। परीक्षा को इस आधार पर रद करने का अनुरोध किया गया था कि इसकी तारीख और नीट-पीजी 2021 के लिए चल रही काउंसिलिंग की तारीख एक ही दिन पड़ेगी।