चित्रकूट जिले के मानिकपुर में ऊंचाडीह ग्राम पंचायत क्षेत्र के अमरपुर गांव के प्राथमिक व जूनियर विद्यालय में पढ़ने वाले एक परिवार के तीन छात्रों ने अन्य छात्रों पर जातीय आधार पर छुआछूत व भेदभाव करने का आरोप लगाया है। इसकी जानकारी होते ही तहसील का प्रशासनिक अमला गांव पहुंचा और दो घंटे तक सभी पक्षों से गहन पूछताछ की।
जांच टीम का दावा है कि मामला गंभीर नहीं है सिर्फ जागरूकता का अभाव है। प्राइमरी व जूनियर स्कूल, अमरपुर में पढ़ने वाले एक बिरादरी के बच्चों ने सोमवार को बताया कि उनकी कक्षा व स्कूल के कई छात्र उन्हें दूर बैठने को मजबूर करते हैं। जातीय टिप्पणी करते हैं।
शिकायत करने पर भी शिक्षक कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। बच्चों ने यह भी बताया कि स्कूल और उनके घर के पास एक ही हैंडपंप है, जिससे पानी लेने जाने पर जातीय संबोधन कर भगाया जाता है। अन्य वर्ग के लोग जब पानी भर लेते हैं तब उन्हें पानी लेने दिया जाता है।जानकारी होने पर एसडीएम प्रमेश श्रीवास्तव, तहसीलदार राजेश कुमार यादव व एबीएसए कृष्णदत्त पांडेय जांच करने स्कूल पहुंचे। दोनों स्कूलों के प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों व छात्रों को बुलाकर जानकारी ली गई। दो घंटे तक पूछताछ के बाद एसडीएम ने बताया कि जिन बच्चों ने छुआछूत की शिकायत की है, उनके अनुसार इसकी शिकायत शिक्षकों से करते हैं पर वो कोई कार्रवाई नहीं करते। इसी प्रकार हैंडपंप में पानी भरने की शिकायत की जांच में पता चला कि इस वर्ग के लोगों को पानी भरने से नहीं रोका गया।
सिर्फ बच्चों से हैंडपंप के राड को सही तरीके से चलाने के लिए कहा गया है। शिकायतकर्ता व उनके अभिभावक हैंडपंप के राड को तेजी से चलाते हैं, जिससे उसके टूटने का खतरा है। एबीएसए ने कहा कि शिक्षकों से किसी तरह के भेदभाव न करने को कहा गया है। 13 अप्रैल को पुरवा में जागरूकता कैंप लगाया जाएगा। दोनों स्कूल के प्रधानाध्यापक शिकायत करने वालों के जाति के ही हैं। इसके अलावा हैंडपंप से पानी भरने में आपत्ति करने वालों में से एक इसी वर्ग से आता है।