भीषण गर्मी के चलते पहले परिषदीय स्कूलों में प्रभावित छात्र संख्या पर अब गेहूं की कटाई का असर भी देखने को मिल रहा है। गेहूं की कटाई आदि में व्यस्तता के चलते बेसिक शिक्षा विभाग के कई परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या घट कर आधी हो गई है। शिक्षक छात्रों को नियमित तौर पर स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान में गेहूं की कटाई-मड़ाई आदि के चलते परिवारीजनों की व्यवस्तता में बच्चों की पढ़ाई जरूर प्रभावित हो रही है।
जिले में तीन अप्रैल से ‘स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ हो चुका है। स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए रैली आदि के साथ ही डोर-टू-डोर अभियान भी चलाया जा रहा है। कोरोना के चलते दो साल बाद नए शैक्षिक सत्र में समय से पढ़ाई शुरू हो सकी है। हालांकि अभी तक किताबों की व्यवस्था नहीं बन सकी है। लिहाजा पुरानी पाठ्य-पुस्तिकाओं से ही पढ़ाई चल रही है। नए सत्र के शुरूआत में स्कूलों में अच्छी छात्र संख्या दर्ज की गई। गर्मी बढ़ने के साथ ही गेहूं की कटाई का असर सीधे छात्र संख्या पर पड़ा है।
प्राथमिक विद्यालय अशोकपुर चौहान में मंगलवार को 126 पंजीकृत बच्चों में महज 60 ही पढ़ाई करने पहुंचे। यहां के प्रधानाध्यापक विनय कुमार ने बताया कि गेहूं की मड़ाई व कटाई के कारण विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति आधी हो गई है। कप्तानगंज के नकटीदेई में प्राथमिक विद्यालय में भी पंजीकृत 95 बच्चों में से मंगलवार को 72 उपस्थित रहे। प्रधानाध्यापिका कंचन माला त्रिपाठी ने बताया कि गर्मी और गेहूं की कटाई के चलते छात्र छात्रों की उपस्थिति कम है। बच्चों के शत-प्रतिशत उपिस्थति पर जोर दिया जा रहा है।
बोले बीएसए
परिषदीय स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही स्कूलों में बच्चों के ठहराव व आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिह्नित कर उनके नामांकन की प्रक्रिया भी अभियान के तहत चल रही है। इस कार्य में किसी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- जगदीश प्रसाद शुक्ल, बीएसए